Published On : Thu, Apr 18th, 2019

पृथ्वी और पानी को बचाने के लिए चमड़े का उपयोग करें बंद – करिश्मा गिलानी

Advertisement

नागपुर: वसुंधरा दिन (पृथ्वी दिवस) 22 अप्रैल को पूरे विश्व में मनाया जाता है. पृथ्वी और पर्यावरण को बचाने के लिए जानवरों के चमड़े का उपयोग बंद करने की अपील नागरिक से गुरुवार को की गई. संविधान चौक पर स्कूली विद्यार्थियों की ओर से शरीर को ग्रीन रंग में रंगकर गो ग्रीन का संदेश दिया गया. जानवरों के लिए काम करनेवाली अंतर्राष्ट्रीय संस्था पेटा और शहर की पीएफए संस्था की ओर से यह उपक्रम किया गया.

पेटा की राधिका सूर्यवंशी इस समय मौजूद थी. हिन्दुस्तान स्कूल के विद्यार्थी हर्ष और साक्षी तांबे ने शरीर को ग्रीन बनाकर यह संदेश सिग्नल पर नागरिकों को दिया. जिसमे नागरिकों को चमड़े का उपयोग न करने का संदेश दिया. इस दौरान मानद पशु कल्याण अधिकारी करिश्मा गिलानी ने जानकारी देते हुए बताया कि पृथ्वी पर 71 प्रतिशत पानी है. 29 खेत और हरियाली है. पानी बड़ी तादाद में प्रदूषित हो रहा है. पानी प्रदूषित होने के कई कारण हैं.

Gold Rate
29 May 2025
Gold 24 KT 95,000/-
Gold 22 KT 88,400/-
Silver/Kg 98,300/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

लेकिन चमड़ा उद्योग पानी के प्रदूषित होने का प्रमुख कारण है. चमड़ा उद्योग ज्यादतर नदी के किनारे पर होता है. ज्यादातर उद्योग कानपूर में है. यह गंगा नदी पर है. जानवरों का चमड़ा निकालने के लिए, इसको लचीला और बदबू निकालने के लिए कारखाने में इसके लिए कई तरह के केमिकल का उपयोग करते हैं. इस उद्योग में काम करनेवाले ज्यादतर मजदूर फेफड़ों और कैंसर जैसी घातक बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं. यह केमिकल और चमड़े का गंदा पानी नदियों में छोड़ा जाता है. इससे नदिया प्रदूषित होती हैं और यही पानी खेतों में जाता है. मछलियों को खाने के बाद लोगो को भी बीमारियां होती हैं.

गिलानी ने बताया कि चमड़ा उद्योग पृथ्वी को काफी नुकसान पंहुचा रहा है. अगर पानी को और पृथ्वी को सुरक्षित रखना है तो चमड़ा उद्योग को बंद करना होगा. उन्होंने नागरिकों को संदेश दिया कि चमड़े की जगह पर कैनवास के जूतों का उपयोग करें. हमारा देश गर्म मुल्क होने के कारण चमड़ा गर्म होता है. इसलिए इसका प्रयोग बंद करने की अपील उन्होंने की है. कैनवास कपास से बनने के कारण वह इकोफ्रैंडली है और शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाता है. गिलानी ने चमड़े के स्थान पर कैनवास के उद्योग को प्रोत्साहन देने की बात कही है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो हम अपने बच्चों को प्रदूषित पानी देकर जाएंगे. इसके बारे में सरकार ने सोचना चाहिए.

Advertisement
Advertisement
Advertisement