Published On : Sat, Dec 2nd, 2017

अपूर्व विज्ञान मेले को मिला भरपूर प्रतिसाद, करीब 10 हजार विद्यार्थियों ने दी भेंट

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नागपुर: नागपुर महानगर पालिका और एसोसिएशन फॉर रिसर्च एंड ट्रेनिंग इन बेसिक साइंस एजुकेशन की ओर से अपूर्व विज्ञान मेले का आयोजन शहर में चल रहा है. उत्तर अंबाझरी रोड स्थित राष्ट्रभाषा भवन में 29 नवंबर से लेकर 3 दिसंबर तक यह शुरू रहेगा. नागपुर शहर की मनपा की 30 स्कूलों के बच्चों ने अब तक इस मेले में विज्ञान से संबंधित वस्तुओं की प्रस्तुति दी. पिछले चार दिनों में अब तक इस प्रदर्शनी में शहर के स्कूलों के करीब 10 हजार विद्यार्थियों ने शिरकत की है. अब तक मनपा की 95 स्कूलों के विद्यार्थियों ने यहां भेट दी है. रविवार को आखरी दिन होने की वजह से करीब 1 हजार विद्यार्थियों के पहुंचने की सम्भावना अपूर्व विज्ञान मेले के समन्यवयक राजेंद्र पुसेकर ने जताई है. इस मेले में 70 से 80 विभिन्न मॉडल प्रस्तुत किए गए हैं.

सदर स्थित आरबीजीजीआरए हाईस्कूल के नौवीं कक्षा में पढ़नवाली खुशबु नागेश्वर ने माइक्रोस्कोप के माध्यम से प्याज की कोशिकाओं को दिखाया, इसी स्कूल की ख़ुशी नागेश्वर ने खरा्ब हो चुके खाद्य पदार्थों में फफूंद की प्रक्रिया को दर्शाया.

सुरेन्द्रगढ़ की मनपा हिंदी हाईस्कूल में नौवीं कक्षा में पढ़नेवालीन आरती सोनी ने गणित के ए + बी का होल क्यूब मॉडल के द्वारा प्रस्तुत किया. आरती ने बताया की वह पिछले वर्ष भी इस मेले का हिस्सा रही है. इसी स्कूल के आशीष उपाध्याय ने मछली और घड़े का मॉडल प्रस्तुत किया, जिसमें दो विभिन्न चित्रों को देखकर दिमाग की भ्रम की स्थिति को दर्शाया. बर्डी के नेताजी मार्केट स्कूल के नौवीं में पढ़नेवाले शिब्बू साहू ने स्मॉल पेंडुलम के सिद्धांत पर मेले में आनेवाले लोगों का और विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया.

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इस विज्ञान मेले में बाहरी राज्यों से आए विज्ञान प्रेमियों ने भी अपने अपने मॉडल प्रस्तुत कर लोगों को विज्ञान का ज्ञान दिया. पटना से आए शिक्षक निरंजनकुमार ने वर्मी -कम्पोस्टिंग खाद को बनाने की जानकारी मौजूद लोगों को और विद्यार्थियों को दी.

कर्णाटक के शिमोगा के शिक्षक सी. एस. चिककमठ ने गणित को लेकर सामान्य ज्ञान पर मार्गदर्शन किया गया जिसमें सेंटर ऑफ़ ग्रेविटी को दर्शाया गया है.


इस मेले में सभी के आकर्षण का केंद्र रहा अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति का स्टॉल. इस स्टॉल में समिति के राष्ट्रीय महासचिव हरीश देशमुख, निकेश पिने और अमृता अदावडे ने सभी मौजूद लोगों को अंधश्रद्धा से विज्ञान से सम्बंधित जानकारी भी दी और प्रत्यक्ष रूप से इसको करके विद्यार्थियों और लोगों को दिखाया. मुंह में कपूर रखकर जलाना, लोटे में चावल रखकर उसमें त्रिशूल के माध्यम से उस लोटे को उठाना, पानी से दिए जलाने को लेकर किस तरह भोंदू महाराज लोगों को मुर्ख बनाते हैं और उन्हें कैसे ठगते हैं. इस स्टॉल पर विद्यार्थियों की और लोगों की काफी भीड़ देखने को मिली.

टेलिस्कोप के माध्यम से भी विद्यार्थियों को छत्तीसगढ़ के शिक्षक अभिषेक शुक्ला ने जानकारी दी. शिक्षक शुक्ला और केशवराम वर्मा दोनों ही पिछले 5 वर्षों से हर साल इस मेले में आते हैं. शुक्ला ने बताया कि वे टेलिस्कोप पहली बार लेकर आए हैं. उनका कहना है कि अभी माता पिता अपने बच्चों को महंगे महंगे मोबाइल लेकर देते हैं. इससे अच्छा यह है कि वे अपने बच्चो को टेलिस्कोप खरीदकर दें. जिससे की बच्चे एस्ट्रोनॉमी में अपना भविष्य बना सके.

इस मेले में एक और आकर्षण का केंद्र रहे मध्य प्रदेश के भिंड से आए शिक्षक राजनारायण राजोरिया, जिन्होंने गणित को लेकर विद्यार्थियों को बेहतरीन और सरल रूप में जानकारी दी. आजकल नौकरी की परीक्षाओ में भी गणित को घुमा फिराकर पूछा जाता है. कुछ विद्यार्थी गणित में काफी कमजोर होते हैं. उसी को लेकर शिक्षक राजनारायण ने जानकारी दी. यहां पर विद्यार्थियों ने राजनारयण द्वारा बताए गए सभी ट्रिक्स को अपने किताबों में नोट भी कर लिया.

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