Published On : Thu, Feb 8th, 2018

नौकरी भर्ती को लेकर पढ़े लिखे बेरोजगार उतरे सड़क पर


नागपुर: देश में पढ़े लिखे बेरोजगारों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. ऐसे में राज्य और केंद्र सरकारों ने नई भारतीय बंद कर रखी है या फिर नौकरी पद भर्तियां कम निकाली जा रही हैं. जिसके कारण एमपीएससी विद्यार्थी समन्वय समिति, छात्र युवा संघर्ष समिति, विदर्भवादी विद्यार्थी संगठन की ओर से सरकार की नीतियों के खिलाफ सक्करदरा चौक में धरना प्रदर्शन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई. इस दौरान सैकड़ों की तादाद में नौकरी भर्ती की प्रतीक्षा कर रहे विद्यार्थी मौजूद थे. विद्यार्थियों ने इस दौरान प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया बयान. जिसमें उन्होंने कहा था कि पकोड़े तलना भी एक रोजगार ही है. इस बयान पर भी विद्यार्थियों ने नाराजगी जाहिर करते हुए अपना रोष प्रकट किया.

इन विद्यार्थियों ने 13 प्रमुख मांगों को सरकार के सामने रखा है. जिसमें एमपीएससी परीक्षा में पदों की संख्या को बढ़ाया जाए, एमपीएससी की संयुक्त परीक्षा को रद्द कर पहले जैसी पीएसआय, एसटीआय, एएसओ की स्वतंत्र परीक्षा ली जाए, राज्य और जिला स्तर पर रिक्त पद भरे जाएं, राज्य सरकार के विदर्भ के अनुशेष इस विषय पर सुधीर मुनगंटीवार उपसमिति की रिपोर्ट जल्द से जल्द प्रस्तुत की जाए. एमपीएससी के साथ ही अन्य परीक्षाओं के लिए हाजिरी के लिए भी बायोमेट्रिक मशीन होनी चाहिए, स्पर्धा परीक्षा के डमी रैकेट की सीबीआई द्वारा जांच की जाए. सभी स्पर्धा और अन्य परीक्षाओं की फीस कम की जाए. इन मुख्य मांगों को सरकार के सामने इस दौरान विद्यार्थियों ने रखा.


इस धरने में विद्यार्थियों ने कहा कि 3 वर्षों से सरकार नौकरी भर्ती नहीं निकाल रही है. विदर्भ की जगह हड़पने का काम राज्य सरकार की ओर से किया जा रहा है. छात्र युवा संघर्ष समिति की समन्यवयक कृतल आकरे ने कहा कि प्रधानमंत्री का पकोड़े तलना यानी रोजगार वाला बयान काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. उद्योगपतियों के बच्चों को नौकरी करवाने का सरकार का उद्देश्य है. इस दौरान विशाल पानपते और संजय रणदिवे भी मौजूद थे. विद्यार्थियों के शिष्ठमंडल की ओर से जिलाधिकारी को निवेदन भी दिया गया.

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