नागपुर: सिंचाई घोटाले कि जाँच के लिए राज्य सरकार द्वारा 2 स्वतंत्र एसआईटी का गठन किया गया है। राज्य सरकार के मुख्य सचिव ने बुधवार को मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में मामले की सुनवाई के दौरान प्रतिज्ञापत्र जमा कर इस बारे में जानकारी दी। सरकार ने जो प्रतिज्ञापत्र अदालत में दिया है उसमे बताया गया है की एक एसआइटी का गठन गोसीखुर्द जबकि एक एसआइटी अमरावती विभाग में हुए सिंचन घोटाले की जाँच करेगी। एसआइटी को पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी लीड करेंगे जबकि इसमें डीसीपी और पुलिस निरीक्षक स्तर के अधिकारी भी शामिल होंगे। याचिकाकर्ता के वकील श्रीधर पुरोहित ने बताया कि दो हफ़्ते के भीतर जाँच रिपोर्ट अदालत में जमा कराने का आदेश अदालत की तरफ से सरकार दिया गया है।
सिंचन घोटाले को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल है। इसी मामले की पिछली सुनवाई के दौरान मामले की एसआइटी जाँच के संकेत अदालत ने दिए थे। अदालत ने सरकार को जाँच के संबंध में तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहाँ था। इसी के तहत मामले की जाँच के लिए दो एसआइटी का गठन किये जाने की जानकारी सरकार की तरफ से दी गई है। इसी मामले की पिछली सुनवाई में अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री अजित पवार और राष्ट्रवादी के पूर्व विधायक संदीप बाजोरिया के सहभाग पर प्रश्न उपस्थित करते हुए जाँच का आदेश दिया था। सिंचन घोटाले में एसआइटी के गठन के बाद अजित पवार की मुश्किलें बढ़ने के आसार है।