Published On : Wed, May 8th, 2019

अतीत का एक सच !

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प्रधान मंत्री मोदी की टिप्पणी के बाद बोफोर्स और राजीव गांधी को लेकर अनेक बातें कही /लिखी जा रही हैं . इस सिलसिले में पूर्व प्रधान मंत्री स्व .चन्द्रशेखर का उल्लेख भी हुआ . चन्द्रशेखर सरकार से कांग्रेस की समर्थन वापसी पर टिप्पणियां की गई। भ्रम पैदा हुआ .

इससे संबंधित वह सच प्रस्तुत कर रहा हूँ, जो चन्द्रशेखर के अत्यंत ही करीबी रहे,मोहन धारिया ने स्वयं मुझे बताई थी .चन्द्रशेखर सरकार से समर्थन वापसी की अन्दरुनी गाथा विस्फोटक है .

धारिया जी के अनुसार,चन्द्रशेखर ने अपने शासन काल में,सेना को विश्वास में लेकर , पाकिस्तान में चल रहे आतंकी प्रशिक्षण केन्द्रों को रातो -रात ध्वस्त कर, पाक अधिकृत कश्मीर को आजाद कराने की योजना बनाई थी.गुप्त योजना को अंजाम देने सेना तैयार थी . इसकी भनक राजीव गांधी को मिल गई .राजीव जी बेचैन हो उठे .अगर चन्द्रशेखर अपनी योजना में सफल हो गये ,तो वे राष्ट्रीय हीरो बन जायेंगे !

चुनावों में भी चन्द्रशेखर को भारी सफलता मिल जायेगी . फिर उन्हें कोई अपदस्थ कैसे कर पायेगा ?जबकि ,54 सांसदों वाली चन्द्रशेखर की सरकार को कांग्रेस का बाहर से समर्थन का उद्देश्य ही था सरकार को कठपुतली बना कर रखना!राजीव गांधी और कांग्रेस की बेचैनी स्वाभाविक थी .

10,जन पथ में मंथन हुआ और हरयाणा के एक सिपाही द्वारा मकान की जासूसी की कहानी रची गई.इस कथित जासूसी को आधार बना कांग्रेस ने समर्थन वापस ले चन्द्रशेखर की सरकार गिरा दी .

चन्द्रशेखर सरकार के पतन की सच्ची अंतर्कथा ये है!

एस. एन. विनोद