अपनी बच्ची को भी नही बक्षा
चिखली (बुलढाणा)। तालुका के ग्राम सवणा में पारिवारिक झगडे में दामाद ने सारी हदे पार करके निर्मता से सास, पत्नी और अपनी बेटी की फावडे से हत्या कर दी. आरोपी ने तिनो के सर पर फावड़े से वार करके तीनों खून को अंजाम दिया. यह घटना 23 मार्च को घटी. आरोपी घटनास्थल से फरार है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार परिवार का विवाद बढ़ने से संतप्त दामाद ने गहरी निंद में सोई सास विमलबाई बलीराम गाढवे (54), पत्नी गिताबाई संतोष खंडाईत (32) तथा अपनी ही बेटी आरती संतोष खंडाईत (7) के सर पर लोहे का डंडा लगे फावड़े से वार कर तीनो को मौत के घाट उतार दिया तथा घटनास्थल से फरार हो गया. रोज सुबह जल्दी उठने वाला परिवार आज देर तक नही उठने से पड़ोसियों को संदेह हुआ. घर में सन्नाटा छाया हुआ था. पड़ोसियों ने तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को दी. जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर पुलिस को पहुचने के बाद दरवाजा खोला गया. जिससे झंझोर कर रखने वाली घटना सामने आई. उक्त घटना की जानकारी गांव में आग की तरह फैली. डीवायएसपी समिर शेख अपनी टीम समेत घटनास्थल पहुंचे. जांच करने पर संपुर्ण बात सामने आई.
बता दे कि विमलबाई बलीराम गाढवे की बेटी का विवाह दस वर्ष पहले संतोष खंडाईत नि. इसोली के साथ हुआ. सब कुछ ठीक चल रहा था. उन्हें आरती नामक बेटी भी थी. उसके बाद दामाद,पत्नी, बेटी समेत सास के साथ सवणा गांव में रहने आए. कुछ दिनों बाद सास और पत्नी के साथ संतोष का झगड़ा होने लगा. यह विवाद घर के अंदर होने से आस पडोस के लोगों पता नही चला. मृत महिला के भतीजे मोतीराम गाढवे (40) ने आरोपी संतोष खंडाईत के खिलाफ चिखली पुलिस थाने में मामला दर्ज किया. आगे की जांच पुलिस कर रही है.
श्वान दल समेत विशेषज्ञ दाखिल
घटना की गहराई देखकर जिला पुलिस अधीक्षक शाम दीघावकर ने श्वान और फिंगर प्रिंट विशेषज्ञ को बुलाया. श्वान दल ने सवणा बस स्टैंड तक मार्ग दिखाया. लेकिन घटनास्थल पर भीड़ होने से पथक को तकलीफे आई. शाम दिघावकर के मार्गदर्शन में श्वेता खेडकर, समिर शेख, थानेदार पाटील, पोहेका तायडे, श्वान पथक के गजानन राजपुत, रविंद्र बोर्डे, सुभाष वानखडे, तथा शहर परिवहन शाखा के गोविंद नेमणार और उनके सहकार्य से मृतदेह का पंचनामा करके शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया.
खुद की बेटी को मारते हुए हाथ नही कांपे
झंजोरकर रखने वाली घटना में संतोष ने अपनी ही बेटी की निर्मता से हत्या कर दी. इस दौरान उसके बिलकुल भी हाथ नही कांपे. संतोष ने अपनी ही बेटी पर फावड़े से वार किये. इस दौरान वो भी गहरी निंद में थी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.