कर्ज व नापिक से था परेशान
धारणी (अमरावती)। तहसील से 5 किमी दूर स्थित शिरपुर गांव के युवा आदिवासी किसान ने मंगलवार को अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बताया जाता है कि उस पर बैंक का व निजी कर्ज था.
रंगपंचमी पर भी जेब खाली
बुध्दिराम जयराम मावसकर का शव मंगलवार को सबेरे उसके घर की छत से झुलता पडोसियों को दिखाई दिया. जानकारी के अनुसार गत 3 वर्षों से अउपज झेल रहे किसान पर बैंक का कर्ज था. इतना ही नहीं तो होली मनाने के लिये भी उसने निजी लोगों से कर्ज लिया था. मंगलवार को रंग पंचमी होने के चलते धारणी में यह उत्सव उत्साह से मनाने की परंपरा है. लेकिन इस उत्सव के लिये पैसे न होने और परिवार के पालनपोषण की जिम्मेदारी की चिंता के चलते इस किसान न आज अपनी इहलिला समाप्त कर ली.
खेत भी गिरवी
पडोसियों के नुसार मावस्कर की आर्थिक हालत खस्ता होने के चलते उसने अपना खेत भी गिरवी रखा था. इसी के पैसों से वह अब तक अपने परिवार का पालनपोषण कर रहा था. उसकी पत्नी का देहांत पहले ही हो चुका है. अब मासूम बच्चों के सिर से पिता का साया भी उठ जाने से वे अनाथ हो गये है.