नागपुर शहर में प्रत्येक माह दो,चार पहिए वाहनों की बिक्री बढ़ते जा रही है इसकी खास वजह दो हैं. पहली यह कि शहर के बढ़ती आबादी के अनुसार सार्वजानिक परिवहन व्यवस्था न के बराबर है. तो दूसरा कंपनियों ने इन खामियों को भांप कर आकर्षक व लुभावनी योजनाओं को पेश कर वाहनों की हर माह रिकॉर्ड बिक्री कर रही हैं. सार्वजानिक परिवहन सेवा चरमराने से ऑटो वालों को मुंहमांगी किराया चुकाना पड़ता है. जिससे बचने के लिए नागरिक निजी वाहनों को प्राथमिकता दे रहे हैं.
नागपुर में वर्ष दर वर्ष आधार पर दो व चार पहिए की बिक्री में इजाफा देखने को मिलता है, लेकिन बीता वर्ष वाहनों खासकर कमर्शियल वाहनों पर नजर दौड़ाएं तो पता चलता है कि इनकी बिक्री में इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में अच्छा खासा इजाफा देखने को मिला है. फिर चाहे जीप हो, आटोरिक्शा, मिनी बस, ट्रक-लारी, टैंकर, ट्रेलर या डिलीवरी वैन. सबसे पहले कारों को देखें तो इनके लिए बीता वित्त वर्ष पूरे देश में ही अच्छा नहीं रहा था. वह भी उस समय जबकि कम्पनियों की ओर से एक से बढ़कर एक आफर्स की पेशकश की गई.
नागपुर शहर और पूर्व आरटीओ के अंतर्गत वर्ष में कुल 11,764 नई कारें रजिस्टर्ड हुईं, जबकि पिछले वित्त वर्ष यानि 2017-18 में 13,246 कारें रजिस्टर्ड हुई थीं. वित्त वर्ष 2018-19 में बीते वर्ष की तुलना में 1482 कारें कम बिकी. शहर में सबसे ज्याद टू व्हीलर्स की बिक्री होती है. पिछले वर्ष शहर में 72,605 नई टू व्हीलर्स रजिस्टर्ड हुईं, जबकि इससे पहले वाले वर्ष में 73,559 नई दुपहिया रजिस्टड हुई थीं. यानि पिछले वर्ष की तुलना में केवल 46 टू व्हीलर्स ज्यादा बिकी. अब व्यावसायिक वाहनों को देखें तो स्टेशन वैगन वर्ष 17-18 केवल 9 बिकी थीं जो कि 18-19 में 177 बिकीं. बीते वित्त वर्ष में 4,038 आटो रिक्शा रजिस्टर्ड हुए जबकि इससे पिछले वर्ष यह संख्या 2,810 थी. मिनी बस कुल 34 बिकीं, जबकि इससे पहले वाले वर्ष में एक भी नहीं बिकी थी.
वर्ष 17-18 के दौरान 316 ट्रक और लारी बिकी थी जो 18-19 में बढ़कर 663 हो गई. डिलीवरी वैन, ट्रैक्टर, ट्रेलर, मल्टी एंड आर्टिकूलेटेड व्हीकल्स की बिक्री भी बढ़ी. व्यावसायिक वाहनों की बिक्री में वृद्धि से अनुमान लगाया जा सकता है कि कारोबारी गतिविधियों में इजाफा देखने मिल रहा है. इन वाहनों की बिक्री का सीधा-सीधा असर रोजगार और अर्थव्यवस्था पर होता है. पिछले कुछ समय से रोजगार और अर्थव्यवस्था को लेकर काफी कुछ कहा जा रहा था.
आरटीओ के वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 के आंकड़ों को देखें तो पता चलता है कि बिक्री में तो इजाफा हुआ है, लेकिन अंतर बहुत ज्यादा नजर नहीं आता. बिक्री में अंतर से बहुत बड़ा फर्क कार और टूव्हीलर्स की बिक्री से नजर आता है, क्योंकि इस सेगमेंट में ही सबसे ज्यादा वाहन बिकते हैं. पिछले वर्ष के दौरान इनकी बिक्री औसत रहने से कुल बिक्री में बहुत ज्यादा फर्क देखने नहीं मिल रहा. शहर में दोनों आरटीओ मिलाकर वित्त वर्ष 2017-18 में जहां कुल 93,535 वाहन बिके थे, वहीं वर्ष 2018-19 में संख्या मामूली यानि 1084 बढ़कर 94,619 हो गई.
पिछले वर्ष दो पहिए72605,मोटर कार 11764,,जीप 1047,स्टेशन वैगन 177,टूरिस्ट कैब 931,आटोरिक्शा 4038,मिनी बस 38,स्कूल बस 104,एम्बुलेंस 27,ट्रक व लारी 663,टैंकर 5,ट्रैक्टर 113,ट्रेलर 187,टिप्पर 63 की बिक्री दर्ज की गई.