Published On : Thu, Aug 9th, 2018

अब 2 से 3 मिनट होगा प्रीमियर ट्रेनों का स्टापेज

नागपुर: पिछले 30 वर्षों में सबसे अधिक देरी से चलने का रिकार्ड तोड़ चुकीं ट्रेनों को समय पर चलाने के लिए रेलवे बोर्ड ने नया तरीका ढूंढा है. इसमें जहां कई ट्रेनों का यात्रा समय अधिक किया जाएगा, वहीं प्रीमियम ट्रेनें जैसे राजधानी, शताब्दी, दूरंतो, तेजस, गरीब रथ, हमसफर आदि का हाल्टिंग समय 10 मिनट से घटाकर 2 से 3 मिनट करने का निर्णय लिया जा सकता है.

उल्लेखनीय है कि इस बार रेलवे द्वारा नया टाइम-टेबल 1 जुलाई से आगे बढ़ाकर 15 अगस्त कर दिया गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, रेलवे द्वारा ट्रेनों की भारी-भरकम लेटलतीफी की बदनामी कम करने के लिए समय को लेकर कई बदलाव करने की तैयारी कर ली गई है.

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लेटलतीफी को अपनाने की तैयारी
मिली जानकारी के अनुसार, रेलवे बोर्ड अब ट्रेनों की लेटलतीफी को स्वीकार करने की तैयारी में है. ऐसे में जो ट्रेनें 10 घंटे में अपनी यात्रा पूरी कर सकती हैं तो उसे बढ़ाकर 11 घंटे करने की तैयारी की जा रही है. ऐसा लगभग लंबी दूरियों की सभी ट्रेनों में किया जा सकता है. इसी प्रकार नये टाइम टेबल में प्रीमियम ट्रेनों का यात्रा समय भी बढ़ाकर दिखाया जाएगा ताकि उनका समय पालन 100 प्रतिशत दिखे.

घटेंगे स्टापेज
उधर, समय बढ़ाने के साथ अन्य कई उपाय भी किए जा रहे हैं जिनमें मुख्य तौर पर ट्रेनों के स्टापेज घटाना भी शामिल हैं. उल्लेखनीय है कि अनेक मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों को कई स्टेशनों पर ट्रायल के नाम पर स्टापेज दिए गए हैं. वहीं, कई स्टापेज ऐसे हैं जिनसे रेलवे को आय कम और घाटा ज्यादा होता है. ऐसे में रेलवे ऐसे स्टापेज को घटाने का निर्णय भी लिया जा सकता है.

ब्लॉक का समय होगा फिक्स
ज्ञात हो कि ट्रैक मेंटेनेंस के लिए रेल रूटों पर ब्लाक लिया जाता है. इस दौरान ट्रेनों की आवाजाही रोकी जाती है. कई बार ट्रेनों को रिशेड्यूल किया जाता है. हालांकि इससे पहले ब्लाक का समय तय नहीं होता था लेकिन नई समयसारिणी में ब्लाक के लिए खासतौर पर समय तय किया जाएगा. यानि रेल डिवीजन और रूट-रूट के अनुसार ब्लाक का दिन और समय तय किया जाएगा. इसी प्रकार, ट्रेनों की समायवधि सुधारने के लिए सुझाव दिया गया है कि सुपरफास्ट ट्रेन के पीछे सुपरफास्ट, शताब्दी ट्रेनों के पीछे शताब्दी और राजधानी के पीछे राजधानी ट्रेनों को चलाया जाए.

सबसे बड़ी परेशानियां
ट्रेनों की लेटलतीफी लगातार जारी है.
विभिन्न रेल मंडलों के तहत अधिकांश ट्रैक पर ब्लॉक लिये गए हैं.
ट्रैक मेंटेनेंस के नाम पर पैसेंजर ट्रेनें लगातार रद्द की जा रही हैं.
ट्रेनों का टाइमटेबल बिगड़ने से यात्री की संख्या घटी है.
प्लेटफार्म खाली होने पर भी ट्रेनों आउटर पर रोका जा रहा है.

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