Published On : Thu, May 10th, 2018

शेतकरी तोडणार शहरांची रसद ! १ जूनपासून बळीराजाचा जम्मू-काश्मीरपासून केरळपर्यंत एल्गार

सेवाग्राम (वर्धा) : पिछले साल महाराष्ट्र में हुआ किसान आंदोलन अब पुरे देश में होगा। ऐसा फैसला बुधवार को सेवाग्राम में राष्ट्रीय किसान महासंघ की बैठक में लिया गया। 22 राज्यों के किसान 1 से 10 जून तक हड़ताल पर होंगे इस दौरान 128 शहरों में सब्जी, अनाज, दूध और अन्य उपज की आपूर्ति बंद करने का फैसला लिया गया है।

किसानों की विभिन्न मांगों को आगे बढ़ाने के लिए, देश के 110 किसान संघटन एक साथ आए हैं और राष्ट्रीय किसान महासंघ का गठन किया है। इस संघ ने हड़ताल की घोषणा की है। आंदोलन की तैयारी के लिए बुधवार को वर्धा में महासंघ की राष्ट्रव्यापी बैठक हुई । ये बैठक महासंघ कोर कमेटी के सदस्य संदीपआबा गिड्डे पाटील इनके अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस बैठक मे शिवकुमार शर्मा, गुरजाम चंढूणी, डॉ. बुधाजीराव मुलीक, संतबीर सिंग, सुरेश कौच, राजकुमार गुप्ता, रणजीत राजू, महेश सिंग, अभिमन्यू कोहाड, लक्ष्मण बंगे, श्रीकांत तराल, के.बी. बिजू, प्रदीप नागपूरकर, कमल सावंत, शंकर दरेकर, सतीश कानवडे, विजय काकडे, राजू झेबीयर, प्रदीप बिलोरे के साथ 22 राज्यो के 130 प्रतिनिधि मौजूद थे।

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22 राज्यो के 128 शहरों में ये आंदोलन होने जा रहा है जिसमें नागपूर, मुंबई, नाशिक, पुणे इन शहरों का समावेश है। इस आंदोलन के दौरान किसान शहरों में सब्जी, अनाज, दूध नहीं भेजेंगे साथ ही शहर से कोई भी नई चीज किसान नहीं खरीदेंगे।

इस आंदोलन के दौरान अनाज और सब्जी बर्बाद ना हो इस पर ध्यान दिया जाने वाला है। सिर्फ तय किये हुए शहरों को छोड़कर बाकि सभी गांव एवं शहरों में अनाज और सब्जी बेचने की इजाजत दी गई है। ये आंदोलन शांति के साथ पुरे देश मे होगा और अगर सरकार ने इस आंदोलन को रोखने का प्रयास किया और किसी भी तरह की हिंसा इस आंदोलन में भड़की तो इसका जिम्मेदार सिर्फ सरकार ही होगी ऐसा महासंघ के कोअर कमेटी के सदस्य संदीपआबा पाटिल इन्होने कहा।

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