Published On : Fri, Jun 26th, 2020

तिवारी,दटके ने लताड़ा तो गुड़धे ने लिया पक्ष

Advertisement

– आयुक्त के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के चौथे दिन चर्चा हुई,कल चर्चा का अंतिम आयुक्त का जवाब

नागपुर – आमसभा का चौथा व आयुक्त के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का तीसरा दिन के कामकाज की शुरुआत स्थाई समिति सभापति पिंटू झलके ने की,तीसरे दिन पूर्व सत्तापक्ष नेता द्वय दयाशंकर तिवारी और प्रवीण दटके ने आयुक्त मुंढे के कृत्यों को सार्वजनिक कर उनकी सफाई मांगी तो दूसरी ओर कांग्रेस के पार्षद प्रफुल गुरधे पाटिल ने मनपा नियमावली की आड़ में आयुक्त का बचाव किया।

Gold Rate
15 May 2025
Gold 24 KT 92,100/-
Gold 22 KT 85,700/-
Silver/Kg 94,800/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

झलके ने कहा कि नगरसेवक के खिलाफ मामला दर्ज करने के पूर्व प्रशासन ने सत्तापक्ष,विपक्ष के दिग्गज नगरसेवक और महापौर से चर्चा की होती तो आज यह प्रसंग नहीं आता। मंगला गवरे के अविश्वास प्रस्ताव देने के बाद उसे दूसरे दिन वापिस लेने और पिछले 3 दिन से सभागृह में अनुपस्थित रहा,ज्वलंत सवाल हैं। विधायक प्रवीण दटके ने कहा कि मुंढे के आड़ में निम्न श्रेणी के अधिकारी भी वैसा ही बर्ताव कर रहे।चिंतनीय विषय यह भी हैं कि साल-साल भर के भीतर कार्यकाल वर्ष से ज्यादा तबादला होना। कोरोना की आड़ में टेंडर सह कार्यादेश के पूर्व काम किये जा रहे।

सवाल यह भी हैं कि बिना स्मार्ट सिटी बोर्ड की बैठक के सीईओ कैसे बन गए।क्या कानून से ऊपर हैं मुंढे। पालकमंत्री सह महापौर,विभागीय आयुक्त के बैठकों में इर्द-गिर्द रहने के बावजूद अनुपस्थित रहना,क्या सिद्ध करना चाह रहे। आयुक्त एमएमसी एक्ट और स्थाई समिति के अधिकार का हनन कर रहे,इसलिए दटके ने आयुक्त का निषेध किया। स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत कार्यरत एनडीएस गुंडागर्दी कर रही। कचरे के गाड़ी पर गीत के मार्फत दी जाने वाली सूचना रद्द किए जाने के बावजूद बजाना गुमराह किया जाना निंदनीय हैं। अगर ऐसा ही आलम आगे भी आयुक्त का रहा तो सभागृह ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए और उसे मंजूर कर राज्य सरकार को अपनी भावना से अवगत करवाने चाहिए,फिर उनकी मर्जी क्या निर्णय लेना हैं, वे स्वतंत्र हैं।

कांग्रेस के नगरसेवक प्रफुल गुरधे पाटिल ने कहा कि नए नए नगरसेवकों को सभागृह संबंधी संसदीय अधिकार का ज्ञान नहीं, इसलिए ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई। उलट आयुक्त का अभिनंदन करते हुए कहे कि उनकी वजह से पिछले 4 दिनों से सभागृह में चर्चा हो रही और सभी को अपनी व्यथा रखने का अवसर मिला।मुंढे के कारण ही सत्तापक्ष को लोकतंत्र व संविधान की याद आई। सेना पार्षद मंगला गवरे का अविश्वास प्रस्ताव लाना फिर पलट जाना,इस घटनाक्रम की भी जांच होनी चाहिए। पॉइंट ऑफ आर्डर और पॉइंट ऑफ इन्फॉर्मेशन संसदीय अस्त्र का दुरुपयोग किया जा रहा। दिनों दिन आर्थिक उत्पन्न कम होती जा रही इसलिए अब बचत करने की जरूरत हैं।

अंत में भाजपा के वरिष्ठ नगरसेवक दयाशंकर तिवारी ने कहा कि कोई भी समस्या का समाधान चर्चा या मंथन से होता हैं। 5-5 अस्पताल सुविधाजनक करने का दावा किया लेकिन वहां चिकित्सक,नर्स,कंपाउंडर,टेक्नीशियन,केमिस्ट की कोई व्यवस्था नहीं की। उचित जनजागरण न करने से कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ। मनपा की ओर से सर्वे करने वालों के खानपान की प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की,23 लाख नागरिकों का सर्वे का दावा करने वाली मनपा को 1 भी पॉजिटव मरीज नहीं मिलना,जांच पर संदेह हैं।कोविड के तय नियमावली के हिसाब से 3 स्तर के मरीजों की श्रेणी बनाई गई लेकिन तीनों श्रेणी के मरीजों को एकसाथ रखा जा रहा हैं। कोरोना संबंधित प्रतिबंधित क्षेत्रों में तैनात चिकित्सकों के स्वास्थ्य पर कोई देखभाल नहीं हो रहा था। मोमिनपुरा के बाहरी हिस्से में सख्त पाबंदी और अंदरूनी परिसर में खुली छूट देखी गई,कत्लखाना शुरू थे,यहां से मटन बाहरी क्षेत्रों में जा रहे थे। मनपा की महिला अधिकारी-कर्मी के साथ बुरा बर्ताव के कई उदाहरण तिवारी ने दिए और जांच कर करवाई की मांग की।

मुंढे के सिपहसलाहकर डॉक्टर गंटावार दंपति पर सबूत सह संगीन आरोप लगाते हुए कड़क कार्रवाई की मांग की। जनता जनार्दन को संपत्ति कर न भरने पर जेल में डालने का आव्हान करने वाले आयुक्त से जानना चाहा कि इस धमकी से राजस्व में कितनी वृद्धि हुई। पूर्व वाहन चालक प्रमोद हिवसे को किस वजह से वाहन चालक से क्लार्क बना दिया गया। संतोष आंबेकर की संपत्ति ढहाने का निर्देश न्यायालय ने दिया था,जिसका श्रेय आयुक्त खुद ले रहे। क्यूंकि शाम के 7 बज चुके थे,पक्ष-विपक्ष नेता की सलाह पर यह सभा आज स्थगित कर कल शुक्रवार सुबह 11 बजे से पुनः शुरू करने का आदेश महापौर जोशी ने दिया।

Advertisement
Advertisement
Advertisement