Published On : Fri, May 4th, 2018

Video: हवाला की रकम पकड़ने के बाद उसकी डैकेती डालने वाले तीन पुलिसकर्मी हिरासत में

  • सहायक पुलिस निरीक्षक के साथ दो सिपाहियों ने साजिश रच गायब की थी ढाई करोड़ की रक़म
  • रकम बरामद, पुलिसकर्मियों के साथ कुल सात आरोपियों को सात दिन का पीसीआर

नागपुर: हवाला कांड के पैसों की जप्ती के बाद पुलिसकर्मियों द्वारा की गई डैकेती मामले में नंदनवन पुलिस के सहायक पुलिस निरीक्षक सहित दो सिपाहियों को गिरफ़्तार किया गया है। 29 अप्रैल की रात गुप्त सूचना के आधार पर की गई कार्रवाई के बाद खुद पुलिसकर्मियों ने षड्यंत्र रचकर बरामद 5 करोड़ 73 लाख रूपए में से 2 करोड़ 54 लाख 92 हज़ार,800 रूपए गायब कर दिए थे। इस षडयंत्र में नंदनवन थाने के पुलिस निरीक्षक सुनील पांडुरंग सोनवणे,उसका राईटर विलास भाऊराव वाडेकर और ड्राईवर सचिन शिवकरण भजबुले शामिल था। शुक्रवार को ईलाके के डीसीपी नीलेश भरणे ने पत्रपरिषद लेकर मामले से जुड़े सभी आरोपियों की गिरफ़्तारी की जानकारी दी। -घटना के दौरान कार में मौजूद ऱकम को लेकर लगाए जा कयासों पर विराम लगाते हुए डीसीपी ने बताया की पुलिस को सूचना देने वाले खबरियों द्वारा 2 लाख 10 हज़ार 120 रूपए छोड़कर सारी रकम बरामद कर लिए जाने का दावा किया गया है। कार में बरामद रक़म की जानकारी सार्वजनिक होने के बाद अली हुसैन जिवानी नामक शख्श ने रक़म पर अपना दावा करते हुए एम एच 31 एफ ए 4611 नंबर की डस्टर कार में 5 करोड़ 73 लाख रूपए होने का दावा किया। उसके द्वारा नंदनवन थाने में गुरुवार को एफआयआर दर्ज़ कराई गई। इस मामले में कार्रवाई के लिए गए पुलिसकर्मियों पर पहले से ही संदेह था। एफआयआर दर्ज़ होने के बाद पुलिस महकमें के ही एसीबी स्तर के अधिकारी को जाँच का जिम्मा सौंपा गया। जाँच में तीनों पुलिसकर्मी दोषी पाए गए जिसके बाद उन्हें गिरफ़्तार कर शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया।

गिरफ्तारी के बाद आरोपी पुलिसकर्मियों ने मामले में संलिप्तता को लेकर जो विवरण दिया उससे खाखी वर्दी की इज्ज़त तारतार होती है। 29 अप्रैल की रात को पैसे के साथ कार बरामद कर लेने के बाद ड्यूटी पर तैनात सहायक निरीक्षक सुनील सोनवणे ने कार थाने लाने की बजाए खबरियों को सौप दी। वरिष्ठ अधिकारी के आदेश के चलते दोनों सिपाही भी चुप रहे और इस प्लान का हिस्सा बन गए। डस्टर कार थाने लाने के लिए सोनवणे ने रवि रमेश मचेवार और सचिन नारायण पडगीलवार को सौंपी और अपने सरकारी वाहन से थाने पहुँचे।सोनवणे के थाने पहुँचने के साथ डस्टर कार थाने नहीं पहुँची। दोनों आरोपी कार को लेकर घूमते रहे इस दौरान कार में पैसे के लिए बनाये गए ख़ास किस्म के लॉकरों में से एक को खोलकर उसमे रखे 2 करोड़ 54 लाख 92 हज़ार,800 रूपए गायब कर दिए। बीच रास्ते में ही पैसों को तीन बोरो में भरकर आरोपियों ने अपनी आयटिका कार में रख लिए । पैसे गायब कर लेने के बाद दोनों आरोपी थाने पहुँचे और ड्यूटी पर तैनात नाईट ऑफिसर के सोनुले को वाहन सौपा। खबरियों द्वारा दी गई जानकारी के बाद थाने में कार में मौजूद चार लॉकरों को खोला गया जिसमें से 3 करोड़ 18 लाख 7 हजार 200 रूपए बरामद हुए।

Advertisement

मामले सामने आने बाद जाँच के दौरान फिर्यादी अली हुसैन जिवानी सामने आया जिसने ख़ुद की एप्पल इंड्रस्टी होने की जानकारी देते हुए पैसे उसके होने का दावा किया। डीसीपी के मुताबिक फिर्यादी द्वारा पहले दिन से की गई शिकायत को सबूत के तौर पर उसके बयान की विडिओ रिकॉर्डिंग की गई है। वह पहले दिन से इतनी ही रकम कार में होने की बात कहता रहा है। इसलिए कार में पांच करोड़ 70 लाख रूपए की थे इसमें कोई संदेह नहीं है। हालाँकि उन्होंने यह भी स्पस्ट किया की रकम बरामद होने के साथ ही आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय को भी इस बात की जानकारी दे दी गई है। फ़िलहाल मामले की जाँच जारी है जिसके पूरा होने पर पैसों को लेकर सही जानकारी सामने आएगी।

हवाला कांड के साथ आरोपियों को सात दिन का पीसीआर
गिरफ्तार सभी सातों आरोपियों को शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया। जेएमएफसी कोर्ट-1 ने आरोपियों को साथ दिन के पुलिस रिमांड में भेज दिया है। हालाँकि पुलिस ने आरोपियों के लिए 14 दिन की न्यायिक हिरासत की माँग की थी। अभियोजन ( पुलिस ) की तरफ से अदालत में पक्ष रखने वाले वकील आकाश गुप्ता और हितेश खंडवानी ने अपराध का स्तर और आरोपियों के गुनाह को देखते हुए पूछताछ के लिए कम से काम 14 दिन न्यायिक हिरासत दिए जाने की माँग अदालत से की जबकि रवि रमेश मचेवार,सचिन नारायण पडगीलवार,गजानन भोलेनाथ मुंगणे और प्रकाश बबलू वासनिक की पैरवी कर रहे वकील चैतन्य बर्वे ने दलील दी की गायब की गई रकम का बड़ा हिस्सा पुलिस बरामद कर चुकी है ऐसे में पीसीआर की कोई आवश्यकता नहीं है। जबकि तीनो आरोपी पुलिसकर्मियों की तरफ से पैरवी कर रहे वकील कैलाश दोदानी ने कहाँ की उनके मुवक्किलों पर लगाए गए आरोप झूठे है। वह इस अपराध में शामिल नहीं है उन्हें फसाया जा रहा है। इसलिए उनका पीसीआर रिजेक्ट किया जाए। बहरहाल अदालत ने सभी पक्षों की दलीले सुनने के बाद आरोपियों को 7 दिनों के पीसीआर में भेजे जाने का फैसला लिया।

तीनों पुलिसकर्मी की विभागीय जाँच शुरू
इन तीनो पुलिसकर्मियों के साथ मामले में शामिल अन्य चार आरोपियों रवि रमेश मचेवार,सचिन नारायण पडगीलवार,गजानन भोलेनाथ मुंगणे और प्रकाश बबलू वासनिक को महाबलेश्वर से गिरफ्तार कर गुरुवार सुबह नागपुर लाया गया था। वारदात को अंजाम देने के बाद ये चारों नागपुर से फ़रार हो गए थे। इस मामले में कुल सात आरोपियों को गिरफ़्तार किया गया था। जबकि तीनों पुलिसकर्मियों पर विभागीय जाँच शुरू कर दी गई है।

आरोपी के पिता के पास से बरामद हुई रकम
आरोपियों ने पूछताछ में बताया की कार से गायब की गई रकम उन्होंने चिमूर तहसील के भिसी गाँव में भोलेनाथ मुंगणे के किसान पिता के पास रखे होने की जानकारी दी। जिसमे बाद पुलिस का दल आरोपी के गाँव पहुँचा और वहाँ उसके किसान पिता के पास रखे ढाई करोड़ रूपए बरामद कर लिए। जबकि रवि और प्रकाश के पास से भी 2 करोड़ 82 लाख 680 रूपए बरामद हुए है।

आरोपी पुलिस के लिए करते थे मुखबिरी का काम
यह मामला सामने के बाद जो जानकारी सामने आयी है वो चौकाने वाली है। गिरफ्तार चार आरोपी जो पुलिस के लिए मुखबिरी का काम करते थे उनमे से दो रवि रमेश मचेवार और सचिन नारायण पडगीलवार पर शहर के कई थानों में आपराधिक मामले दर्ज है। नंदनवन झोपड़पट्टी निवासी सचिन पर 12 जबकि रवि पर दो आपराधिक मामले दर्ज है। इन आरोपियों की गिरफ़्तारी के बाद पूछताछ में अब इस बात का भी खुलासा होगा की आखिर पुलिस का मुखबिर होने का फ़ायदा उठाते हुए इन्होने और ऐसे कितने अपराधों को अंजाम दिया है। और इसमें स्थानीय पुलिस थाने की क्या भूमिका रही है।

रकम हवाला या डिब्बा कारोबार से जुडी होने का संदेह
जब्त रकम को लेकर कई तरह का संदेह व्यक्त किया जा रहा है। रकम हवाला या शहर में चर्चित रहे डिब्बा कारोबार से जुडी हो सकती है इसकी भी जानकारी सामने आ रही है जिस पर डीसीपी नीलेश भरणे कहाँ की मामले की तफ्तीश जारी है और पुलिस हर एंगल से जाँच करेंगी।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement

Advertisement
Advertisement

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement