Published On : Sat, Oct 19th, 2019

इस बार पश्चिम में बदला समीकरण, जीत सकते है विकास ठाकरे

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नागपुर: पश्चिम नागपुर विधानसभा चुनाव में अगर इस बार देखे तो यह चुनाव कांग्रेस के उमेदवार विकास ठाकरे जीत सकते है. इस बार कांग्रेस के कई नगरसेवक उनके साथ खड़े है और उन्हें जीताने के लिए जी-जान से जुटे हुए है. तो वही वर्तमान भाजपा के विधायक की बात करे तो यह पता चलेगा की भाजपा की ओर से कई लोग जो इस क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते थे. उन्हें टिकट नहीं दी गई और सुधाकर देशमुख को टिकट दी गई है.

जिसके कारण भाजपा के लोग भी देशमुख से नाराज है. वे भी ठाकरे का ही समर्थन कर रहे है. नागरिकों की बात करे या फिर क्षेत्र के नागरिकों के रुझान को देखे तो वर्तमान विधायक सुधाकर देशमुख से वे काफी नाराज है. नागरिकों का कहना है की देशमुख केवल ऐसे विधायक है जो 5 साल में केवल एक बार दिखाई देते है और वह भी केवल चुनाव के समय. झोपडपट्टियो के नागरिक चाहे वह इस क्षेत्र के किसी भी प्रभाग के हो.

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उनका भी कहना है की देशमुख ने झोपडपट्टियो के लिए कोई भी काम नहीं किया है. इस क्षेत्र में कई समस्याओ से नागरिक त्रस्त है. लेकिन विधायक ने कभी भी उनकी समस्या नहीं सुलझायी है. इस परिसर में समस्या होने पर कभी भी देशमुख परिसर में जाकर किसी से भी नहीं मिलते है. इतने सालों में भले ही उनके कार्यकर्ता उनका जनसंपर्क बढ़ाने में लगे हो. लेकिन नागरिकों में उनको लेकर काफी रोष है.

इस बार इस क्षेत्र से निर्दलीय उमेदवार के रूप में मनोज सिंह भी चुनावी मैदान में है और सिंह उत्तर भारतीय होने के नाते परिसर में रहनेवाले उत्तर भारतीय लोग भी सिंह को मतदान कर सकते है. इसका सीधा नुक्सान भाजपा के उमेदवार सुधाकर देशमुख को होगा. कांग्रेस से जो पदाधिकारी नाराज चल रहे थे वे भी अब विकास ठाकरे के साथ घूम रहे है और उनको जीताने के लिए प्रयास कर रहे है. पिछली बार अरुण डवरे निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़े थे और करीब 6 हजार मतदान लिया था. इस बार वे विकास ठाकरे के समर्थन में है. इसका भी सीधा असर देशमुख पर ही होगा.

प्रभाग 10, 11 और 14 से विकास ठाकरे को अच्छी बढ़त मिलने के भी आसार है. प्रभाग 12 और 15 में ठाकरे को मेहनत करनी होगी और यहां ज्यादतर मध्यप्रदेश के लोग रहते है. जो केवल भाजपा के नाम पर ही किसी को भी वोट देने को तैयार है. इस विधानसभा क्षेत्र में बौद्ध, मुस्लिम और आदिवासी लोगों की भी तादाद ज्यादा है और वर्तमान विधायक से वे काफी नाराज है. इसका सीधा लाभ विकास ठाकरे को ही होगा. ऐसा दिखाई दे रहा है.

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