Published On : Thu, Dec 28th, 2017

शिक्षामंत्री से मिलने के बाद बढ़ी स्कूल संचालकों में नाराजगी

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Vinod Tawde
नागपुर: महाराष्ट्र इंग्लिश स्कूल ट्रस्टीज एसोसिएशन ( मेस्टा) की ओर से शीतसत्र के दौरान इंग्लिश मीडियम स्कूलों के संचालकों ने विधानभवन पर मोर्चा निकालकर शिक्षामंत्रलय के खिलाफ अपना रोष प्रकट किया था. इस दौरान राज्यभर के शिक्षा संस्थाओं के संचालकों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई थी.

राज्य के सभी जिलों के आरटीई के अंतर्गत एडमिशन देनेवाली स्कूलों का बकाया 650 करोड़ रुपए दिया जाए, साथ ही नागपुर जिले की प्रतिपूर्ति रकम 86 करोड़ 44 लाख 56 हजार रुपए भी दिए जाने की मांग की गई थी. इन शिक्षकों का शिष्टमंडल शिक्षामंत्री विनोद तावड़े से भी मिलने गया था. लेकिन उन्होंने केवल आश्वासन ही दिया. जिसके बाद से शहर की इंग्लिश मीडियम स्कूलों के संचालकों में भारी नाराजगी देखने को मिल रही है. राज्य में करीब 22 हजार आरटीई के तहत एडमिशन देनेवाली स्कूल हैं और नागपुर जिले की बात करें तो करीब 400 स्कूल ऐसी हैं जो आरटीई में एडमिशन देती हैं.

इस बार मेस्टा की ओर से शिक्षामंत्री को 650 करोड़ रुपए स्कूलों को देने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया गया है. निधि नहीं देने पर इस बार राज्य की किसी भी स्कूल में विद्यार्थियों को आरटीई के तहत एडमिशन नहीं देने की बात मेस्टा के अध्यक्ष संजय तायड़े पाटिल ने कही है. पाटिल कई बार पैसों का भुगतान नहीं करने के कारण शिक्षक मंत्री के निर्णय और मनमानी का विरोध कर चुके हैं.

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पाटिल का कहना है कि शिक्षामंत्री तावड़े को निवेदन दिया गया था और उन्होंने 650 करोड़ रुपए देने को लेकर सकारत्मक हामी भरी थी. लेकिन उनके आवभाव देखकर लग रहा था. उन्हें इसमें जरा भी रूचि नहीं है. लेकिन अब तक निधि देने को लेकर कोई भी सकारत्मक निर्णय घोषित नहीं हुआ है. 31 दिसंबर तक हमने समय दिया है. उसके बाद हम किसी भी विद्यार्थी को आरटीई के तहत एडमिशन नहीं देंगे. इसके लिए पूरी तरह से राज्य सरकार ही जिम्मेदार रहेगी.

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