नागपुर: पर्यावरण के लिए हानिकारक बातें को इजाज़त देना मुमकिन नहीं, यह स्पष्ट करते मुंबई उच्च न्यायालय ने थर्माकोल की वस्तुओं और सजावट सामग्रियों पर स्थायी बंदी लगाई है.
इस संदर्भ में सविस्तार से आदेश पहले ही दिए गए हैं. साथ ही स्टॉक को ठिकाने लगाने के लिए समय भी दिया गया था. यह कहते हुए थर्माकोल फॅब्रिकेटर एंड डेकोरेटर असोसिएशन की याचिका ठुकरा दी.
गणेशोत्सव के दौरान थर्माकोल की थोक और चिल्ला खरीदी खूब पहले से होने लगती है. सरकार ने इस पर मार्च में बंदी ला दी थी. इसलिए डेकोरेटर और कलाकारों का बड़ा नुकसान होने की बात कहते हुए उत्सव के लिए थर्माकोल उपयोग करने की ढील माँगी गई थी. थर्माकोल फॅब्रिकेटर एंड डेकोरेटर असोसिएशन की ओर से अॅड. मिलिंद परब की ओर से न्यायालयालय में बिनती की गई थी.
गणेशोत्सव खत्म होने के दस दिन के भीतर थर्माकोल के स्क्रैप को लौटाने पर पांच प्रतिशत रकम वारस करने का उपक्रम किया जाएगा. साथ ही उत्पादकों को भी प्रदूषण न करते हुए थर्माकोल को ठिकाने लगाने का आश्वासन दिया गया था.
लेकिन इस पर बावजूद इन सब के न्या. अभय ओक व न्या. रियाझ छागला की खंडपीठा ने सुनावाई के अंत में याचिका ठुकरा दी.