नागपुर. मंजूर लेआऊट में सावरकर नगर बगीचे की आरक्षित जमीन पर हो रहे निर्माण को लेकर शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं किए जाने पर आपत्ति जताते हुए डा. राजेश स्वर्णकार सहित 7 स्थानिय लोगों की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई. बुधवार को याचिका पर सुनवाई के दौरान मनपा की ओर से बगीचा विभाग प्रमुख उपायुक्त गणेश राठोड द्वारा हाई कोर्ट में शपथपत्र दायर किया गया. जिसमें सिटी के बगीचों का किसी भी हाल में व्यवसायिक दोहन नहीं होने का आश्वासन हाई कोर्ट को दिया गया. जिसके बाद हाई कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया. शपथपत्र में बताया गया कि मनपा गार्डन-पार्क में किसी भी ऐसे व्यावसायिक उपयोग की अनुमति नहीं देगा जो शहर के विकास नियंत्रण नियमों के अनुसार स्वीकार्य नहीं है. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. तुषार मंडलेकर ने पैरवी की.
उपायुक्त राठोड ने शपथपत्र में कहा कि नागपुर महानगर पालिका अपने अधिकार क्षेत्र में किसी भी गार्डन-पार्क में विकास नियंत्रण नियम के अनुसार अनुमेय विद्यमान सीमा से बाहर किसी भी प्रकार की आर्थिक गतिविधि की अनुमति नहीं देगा. गार्डन-पार्कों के संबंध में जहां वाणिज्यिक गतिविधियों की अनुमति दी गई है, वहां विकास नियंत्रण विनियम, 2020 के तहत प्रदान की गई अनुमेय सीमा तक ही होगा. गत सुनवाई के दौरान फोटो प्रस्तुत करते हुए याचिकाकर्ता के वकील अधि. तुषार मंडलेकर ने कहा कि गार्डन से फूड प्लाजा के लोहे के पाईप और टीन के पतरे हटाए गए हैं. जबकि सीमेंट प्लाटफार्म आदि ज्यों का त्यों है. जिस पर कोर्ट ने इसे हटाने के आदेश दिए थे.
गत समय मनपा की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि बगीचे के विकास को लेकर मनपा अपनी जिम्मेदारी के प्रति सजग है. इस दायित्व को पूरी तरह से निभाया जाएगा. बगीचे के पूर्ववत करने के बाद इसका रखरखाव भी किया जाएगा. गत सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधि. तुषार मंडलेकर ने कहा कि गार्डन से अवैध निर्माण तो हटाया जा रहा है. लेकिन अवैध निर्माण हटाए जाने के बाद बगीचे को पूर्ववत भी किया जाना चाहिए. प्रस्तुत किए गए फोटो के अनुसार कोर्ट ने कहा कि यदि फूड प्लाजा के संचालकों की ओर से सीमेंट प्लाटफार्म तैयार किया गया हो, तो उन्हें यह हटाना होगा. गार्डन को मनपा या एनआईटी द्वारा निर्मित किया गया, इससे लोगों को कोई लेनादेना नहीं है. बल्की उसे पूर्ववत किया जाना चाहिए. चूंकि गार्डन मनपा को हस्तांतरित किया गया है.