Published On : Mon, Feb 26th, 2018

आरटीई एक्ट के तहत होने थे 20 लाख शिक्षक प्रशिक्षित, लेकिन हुए सिर्फ 5 लाख

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Prakash Javadekar
नागपुर: मानव संसाधन एवं विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने शिक्षकों की खराब गुणवत्ता को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि इससे बच्चों की सीखने-समझने की क्षमता पर असर पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि आरटीई एक्ट के तहत 2015 तक 20 लाख शिक्षकों को ट्रेंड किया जाना था, लेकिन सिर्फ 5 लाख को ही ट्रेनिंग मिल सकी है.

फिलहाल 14 लाख टीचर स्किल डिवेलपमेंट प्रोग्राम में हिस्सा ले रहे हैं, इससे बेहतर नतीजे आने चाहिए. जावड़ेकर ने बताया कि नई एजूकेशन पॉलिसी पर एक रिपोर्ट अगले महीने के आखिर तक पेश की जाएगी और मंजूरी मिलने के बाद इसे पब्लिक डोमेन में लाया जाएगा. जानकारी के अनुसार क्लास 1 से 12 तक के स्टूडेंट्स के लिए यह सिलेबस कम किए जाने की बात चल रही है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘संज्ञानात्मक कौशल के विकास के स्तर पर छात्रों को पूरी आजादी दिए जाने की जरूरत है.

केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि परीक्षा के बगैर कोई प्रतियोगिता और लक्ष्य नहीं होगा. अच्छे नतीजों के लिए प्रतियोगिता की भावना का होना बेहद जरूरी है. जावड़ेकर ने टीचर्स की खराब क्वॉलिटी पर भी चिंता जताई . उन्होंने कहा कि इसकी वजह से कई बार खराब नतीजे आते हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षक का पहला काम स्टूडेंट तक अपनी पहुंच बनाना है, उसकी ताकत और कमजोरियों को समझें और उसी हिसाब से उसे आगे के लिए तैयार करें. उन्होंने कहा कि 2015 तक राइट टु ऐजुकेशन ऐक्ट के तहत 20 लाख टीचर्स को ट्रेंड किया जाना था, लेकिन 5 लाख ही कवर किए जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि नई शिक्षा नीति के संबंध में अगले महीने के आखिर तक रिपोर्ट फाइल की जाएगी.