Published On : Tue, Jun 28th, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

जिला परिषद में भी हो सकती हैं बगावत

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– आगामी अध्यक्ष पद के लिए इच्छुकों का प्रयास तेज

नागपुर– शिवसेना विधायकों की बगावत ने जहां महाविकास अघाड़ी सरकार को अस्थिर कर दिया है वहीं नागपुर जिला परिषद में भी बगावत की हवाएं चलने लगी हैं. सत्तारूढ़ दल के एक सदस्य ने खुलेआम दावा किया है कि अगर वह जिलापरिषद अध्यक्ष के लिए दावा किया है,उसे इंकार किया गया तो वे अपने सहयोगियों संग सत्तापक्ष से दूर हो जायेगे।

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उक्त सदस्य की जिलापरिषद अध्यक्ष पद के दावेदार की विपक्ष से बातचीत चल रही है ,इस सम्बन्ध में विचार-विमर्श शुरू हैं.

याद रहे कि जिला परिषद में कांग्रेस के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सत्ता में है। कांग्रेस के पास स्पष्ट बहुमत है। पदाधिकारियों का ढाई साल का कार्यकाल अगले माह के दूसरे सप्ताह में समाप्त हो जाएगा। सभी की निगाहें नए जिला परिषद् अध्यक्ष पद के आरक्षण पर टिकी हैं।

चूंकि आरक्षण सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित होने की संभावना है, इसलिए उम्मीदवारों ने अभी से ही अध्यक्ष बनने के लिए अपने अपने आकाओं से पैरवी करना शुरू कर दिया है। कुछ सदस्यों ने तो अन्य महत्वपूर्ण पदों का दावा भी किया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार कामठी विधानसभा क्षेत्र के एक सदस्य ने अध्यक्ष तो उमरेड निर्वाचन क्षेत्र के एक सदस्य ने उपाध्यक्ष पद का दावा किया है।
अध्यक्ष पद का दावा करने वाले सदस्य वरिष्ठ हैं और उन्होंने खुलकर अपनी मंशा व्यक्त की है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि अध्यक्ष का पद सामान्य वर्ग के लिए रहता है तो वह चुनाव में आवेदन दाखिल करेंगे। उन्होंने कांग्रेस के कुछ सदस्यों को अपने साथ लाने की कोशिश शुरू कर दी है। इस सम्बन्ध में वे विपक्ष के सदस्यों (भाजपा) से सलाह मशविरा कर रहे है।
एनसीपी के कुछ जिप सदस्य नाराज हैं। वे भी इस बार महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की ताक में हैं.पिछली बजट बैठक में उन्होंने सत्ता पक्ष को घेरने की कोशिश की थी.

कांग्रेस में सेंध लगाने की कोशिश
जिला परिषद में 58 सदस्य हैं। इसलिए बहुमत के लिए 29 की संख्या जरूरी है। कांग्रेस के 32 सदस्य हैं जबकि भाजपा के 14 सदस्य हैं।राकांपा के 8 सदस्य हैं जबकि शिवसेना, गोंडवाना और पीडब्ल्यूडी के एक-एक सदस्य हैं। संभावना है कि राकांपा के सभी सदस्य उनका समर्थन नहीं करेंगे। इसलिए कहा जा रहा है कि सत्तापक्ष को घर बैठाने के लिए कांग्रेस के 7 से 8 सदस्यों का सहयोग लेने की कोशिश जारी हैं.

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