Published On : Wed, Jul 6th, 2022

मनपा में पूर्णकालीन लेखा व वित्त अधिकारी नहीं

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– चरमराई आर्थिक व्यव्हार,सुस्त प्रशासक

नागपुर – नागपुर महानगरपालिका वित्त एवं लेखा अधिकारी विजय कोल्हे को सेवानिवृत्त हुए छह महीने पूरे हो चुके हैं.इसके सेवानिवृत होने के बाद से मनपा में पूर्णकालिक वित्त और लेखा अधिकारी की नियुक्ति नहीं की गई है, जिसने कई वित्तीय लेनदेन बाधित हो गया है। खासकर सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों, ठेकेदारों में आक्रोश है।

ज्ञात हो कि मुख्य लेखा एवं वित्त अधिकारी विजय कोल्हे भी स्टेशनरी घोटाले के तुरंत बाद सेवानिवृत्त हो गए थे। मनपा की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। मुख्य लेखा एवं वित्त अधिकारी के 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने के बाद जनवरी में 13 दिन तक करीब 8,000 कर्मचारियों को न वेतन और न पेंशन भुगतान नहीं किया गया था। वर्तमान में मनपा के वित्त एवं लेखा अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार नासुप्र के मुख्य लेखा एवं वित्त अधिकारी विलिन खडसे के पास है.

पिछली सरकार द्वारा फडणवीस सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के कारण पिछले वर्ष की तुलना में नागपुर सुधार प्रन्यास का वित्तीय प्रबंधन भी बढ़ा है। साथ ही इस अधिकारी को मनपा का वेतन, पेंशन, बिजली बिल, जलापूर्ति भुगतान, ओसीडब्ल्यू को भुगतान, ईंधन लागत, टेलीफोन बिल, ऋण किस्तों का भुगतान, कचरा संग्रहण शुल्क आदि की भी देखभाल करनी पड़ रही है। खड़से ने नासुप्र के काम को संभालते हुए मनपा का काम संभालना मुश्किल हो गया है. इससे मनपा के वित्तीय लेन-देन पर असर पड़ा है।

प्रभारी लेखा व वित्त अधिकारी होने से कभी ठेकेदार तो कभी सेवानिवृत्त पेंशनभोगी के लिए पेंशन के लिए वित्त विभाग का चक्कर काट रहे हैं। वक़्त पर भुगतान,वेतन,पेंशन न मिलने से सभी का उत्साह कम होने के साथ ही साथ नाराजगी सर चढ़ के बोल रही. यहाँ तक कि ‘आपली बस’ के संचालक भी समय पर भुगतान नहीं मिलने से नाखुश हैं।

एकनाथ शिंदे को दिया था पत्र
चूंकि मनपा में कोई पूर्णकालिक वित्त एवं लेखा अधिकारी नहीं है, इसलिए तत्कालीन महापौर ने जनवरी में तत्कालीन शहरी विकास मंत्री और वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शहरी विकास विभाग के सचिव को पत्र लिखा था. उन्होंने पत्र में कहा था कि मनपा में कार्य लंबित होने के कारण तत्काल मुख्य लेखा एवं वित्त अधिकारी की नियुक्ति करें. लेकिन आज तक मनपा को मुख्य वित्त एवं लेखा अधिकारी नहीं मिला है।