Published On : Fri, Jul 17th, 2020

समय आ गया हैं लोकतंत्र आजादी की दूसरी लड़ाई का

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– मजदूर पक्ष का सदस्यता अभियान शुरू – अनिल चौहान।

नागपुर – जिस भारत देश को आजाद कराने के लिए हमारे पूर्वजों ने अपनी जान की कुर्बानी हंसते-हंसते दी 73 साल बाद भी हम अंग्रेजों की गुलामी से भी बड़ी तानाशाही गुंडाशाहीऔर धार्मिक जातिवाद की गुलामी के शिकार होते जा रहे हैं आज की राजनीति सेवा नहीं व्यवसायीकरण की ओर चली गई है जहां इंसान की जान से ज्यादा पैसा ही सब कुछ है सरकारी संवैधानिक अधिकार को ताक पर रखकर सिर्फ देश को बेचने का काम कर रही है मुस्तूर पक्ष ऐसी नीतियों का घोर विरोध करता है और देश में समता समानता स्वतंत्रता धर्मनिरपेक्षता के लिए संवैधानिक लोकतंत्र अधिकार और व्यवस्था परिवर्तन अभियान चलाने की घोषणा करता है ऐसी जानकारी एक विज्ञप्ति द्वारा मजदूर पक्ष के राष्ट्रीय महामंत्री अनिल चौहान ने दी।

श्री चौहान ने बताया कि देश में अलग-अलग प्रकार के अन्याय अत्याचार के खिलाफ में बहुत सारे आंदोलन होते रहते हैं परंतु अत्याचार रोकने के उपाय पर किसी का ध्यान नहीं सभी अपनी अपनी राजनीति की रोटी सेकने मैं मस्त है

देश के क्रांतिकारी समाजवादी गरीब किसान मजदूरों के नायक साथी जॉर्ज फर्नांडिस की प्रेरणा से देश के अलग-अलग 14 15 राज्यों के क्रांतिकारी और समाजवादी विचारको जॉर्ज समर्थकों के सहयोग से देश के पीड़ितों को न्याय दिलाने राजनीति पार्टी का गठन किया गया

देश में लगभग 80% असंगठित संगठित किसान मजदूर और छोटे व्यापारी शोषित पीड़ितों की संख्या को ध्यान में रखते हुए इस राजनीति पार्टी का नाम सर्व सहमति से “मजदूर पक्ष” ( जॉर्ज फर्नांडिस) रखा गया इस पक्ष का मूल उद्देश्य भारतीय संविधान अनुच्छेद 300 (ए) के माध्यम से मिले मौलिक अधिकार अनुच्छेद 14 से 18 जिसमें सभी देशवासियों को समता समानता का अधिकार मिले सबको रोजगार रोटी कपड़ा मकान स्वास्थ्य शिक्षा सुरक्षा, अनुच्छेद 19 से 22 स्वतंत्रता का अधिकार देश में खुले रूप से कहीं भी आने-जाने बोलने रहने खाने-पीने शिक्षा स्वास्थ्य का लाभ लेने की स्वतंत्रता हो, अनुच्छेद 23 से 24 शोषण के विरुद्ध अधिकार जिसमें देश में कहीं भी शासकीय या गैर शासकीय लोगों द्वारा हो रहे अन्याय अत्याचार दुराचार शोषण के विरुद्ध आवाज उठाने शिकायत करने पूरी स्वतंत्रता हो, अनुच्छेद 25 से 28 धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार जिसमें किसी भी धर्म जाति का नागरिक अपने धर्म को स्वतंत्र रूप से चला सके, अनुच्छेद 29 से 30 संस्कृत और शिक्षा की आजादी का समान अधिकार गरीब अमीर के बच्चे को समान शिक्षा समान संस्कृति की आजादी हो, और अनुच्छेद 32 संविधानिक अधिकार मिले।

देश में समता प्रभुत्व समाजवाद लोकतंत्रवाद सामाजिक राजनीतिक धर्मनिरपेक्षता राष्ट्र की एकता अखंडता की रक्षा करते हुए देश के नागरिकों को सामाजिक आर्थिक राजनीतिक आजादी न्याय विचार अभिव्यक्ति विकास धर्म और उपासना की स्वतंत्रता प्रतिष्ठा उत्सव देशभक्ति बंधुता बढ़ाने दृढ़ संकल्प के साथ अन्याय अत्याचार दुराचार शोषण के खिलाफ संघर्ष के लिए आत्मसमर्पित है

देश में सरकार से नहीं हमें अपने आप से लड़ना है हमें भ्रष्टाचार मिटाने के लिए पहले खुद अपने आप को रोकना होगा अन्याय से लड़ने के लिए आवाज उठाना होगा संवैधानिक आधार पर हमें देश का नागरिक बनकर व्यवस्था को बदलने का प्रण लेना होगा देश का सबसे बड़ा कोई दुश्मन है तो वह है धार्मिक व्यवस्था भ्रष्टाचार व्यवस्था तानाशाही व्यवस्था अपराधी व्यवस्था व्यवसायीकरण व्यवस्था और सबसे बड़ी गुलामी व्यवस्था इन व्यवस्थाओं को जब तक हम नहीं तोडेंगे तब तक कोई भी सरकार आएंगी इसी तरह देश के नागरिकों के साथ में गरीबों के साथ में दलितों के साथ में मजदूरों के साथ में सिर्फ और सिर्फ जुल्म करेगी।

इसलिए मजदूर पक्ष लोकतंत्र व्यवस्था परिवर्तन अभियान की शुरुआत करता है, 1 जुलाई से मजदूर पक्ष का सदस्यता अभियान शुरू है जो अगस्त तक रहेगा जिसे भी संवैधानिक अधिकार मौलिक अधिकार बचाने के लिए कार्य करना हो इस अभियान में जुड़ सकता है ।