Published On : Sun, Sep 26th, 2021
By Nagpur Today Nagpur News

फर्जी बैंक सालवंसी प्रमाण पर करोडों के ठेके हडपने का शिलशिला

Advertisement

– फर्जी मामले में पावर प्लांटों का भगवान ही मालिक

नागपुर: ताप बिजली परियोजनाओं मे ई-निविदा ठेका हडपने के लिए अनेक फर्म नियोक्ताओं द्वारा तरह तरह के नये-नये हथकंडे अपनाये जा रहे है। ताकि देखते-ही-देखते रोडपति से करोड़पति बनाया जा सके ?

Gold Rate
29 July 2025
Gold 24 KT 98,300 /-
Gold 22 KT 91,400 /-
Silver/Kg 1,14,000/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

हालही कोराडी पावर प्लांट मे टैक्सी वाहन आपूर्ति ई-निविदा ठेका ने फर्जी सालवंसी प्रमाण पत्र की आड़ मे ठेका हडपने की पोल खोलकर रख दिया है। “हम तो डूबेंगे सनम तुमको भी ले डूबेंगे”यहां पर फिल्म के डायलाग और गीत की कहावत चरितार्थ हो रही है।

गोपनीय सूत्रों की मानें तो थर्मल पावर प्लांट मे पिछले 10-15 सालों से थर्मल पावर प्लांट मे बाष्पक संयत्र आपरेशन तथा बाष्पक संयत्र मेन्टनैंश की ई-निविदा प्रपत्र मे फर्जी सालवंसी प्रमाण पत्र जोडा गया।उसी तरह एवं हैंडलिंग प्लांट के भी बुरे हाल है। बताते हैं कि कोल हैंडलिंग प्लांट आपरेशन तथा सी एच पी प्लांट मेन्टनैंश की ई-निविदा प्रपत्र मे फर्जी सालवंसी प्रमाण पत्र तथा अन्य आवश्यक फर्जी दस्तावेज संलग्न करके लाखों करोड़ों के ठेके हडप लिये गये हैं।

इस फर्जी कर्म काण्ड को खाध पानी देने मे सैक्शन इंचार्ज सहित निविदा कमेठी के अधिकारी पर्चेस अधिकारी और आडिट आफिसरों का मुख्य हाथ बताया जा रहा है। सूत्रों का मानना था कि दोनो पावर प्लांटों मे फर्म नियोक्ताओं द्वारा संबंधित एक ही बैंक से जारी सालवंसी प्रमाण पत्र समान जावक क्रमांक और दिनांक दर्ज कैसे हो सकते हैं।मामले की यदि संपूर्ण जांच-पड़ताल की जाए तो सैकशन इंचार्ज सहित बडे अधिकारियों को नौकरियों से हाथ धोना पड़ सकता है। इसके अलावा संबंधित कंपनियों के नियोक्ताओं पर ब्लैकलिस्ट की कार्यवाई होगी इसके अलावा उन्हें सेंट्रल जेल में चक्की पीसना भी पड सकता है। इसमे निर्दोष अभियंताओं पर भी कार्यवाई की गाज गिर सकती है।

ज्ञात हो कि पिछले कुछ दशकों से फर्म पंजियन प्रमाण(फर्म रिजिस्टेशन) की कलर झेराक्स प्रतियों में कम्प्यूटर के माध्यम से अपने मन पसंद आंकडे दर्ज करवाकर कीमती ठेका हस्तगत कर लिया गया था।इसी तरह ठेका हडपने के लिए फर्म नियोक्ताओं ने सुनियोजित तरीके से शासन को असलियत से गुमराह करके अधिकारियों को बेवकूफ बनाने की तरकीब ढूंढ ही लिया है।परंतु वह दिन ज्यादा दूर नहीं जब मामलों का पर्दाफाश होते ही सभी दोषियों के हाल बे हाल हो सकते हैं.

Advertisement
Advertisement