Published On : Thu, Feb 18th, 2021

सत्तापक्ष ने प्रशासन को लिया आड़े हाथ,महापौर करते रहे मध्यस्थता

Advertisement

मनपा ऑनलाइन आमसभा में तकनीकी खामियों से कामकाज बाधित पर झल्लाए आयुक्त-महापौर,सभा का कामकाज स्थगित करनी पड़ी,पूर्व आयुक्त मुंढे का भड़ास पर उद्यान विभाग प्रमुख को घर बैठाने की कोशिश रही नाकामयाब

नागपुर – आज गुरुवार 18 फरवरी को मनपा की ऑनलाइन आमसभा आयोजित की गई,जो तय समय से 22 मिनट देरी से शुरू हुई,जिसे उपमहापौर मनीषा धावड़े ने संचलन करते हुए पहले शोकसभा लेकर लगभग 11.26 बजे 10 मिनट के लिए कामकाज स्थगित कर दी।

सुबह 11.43 बजे दूसरी बार आमसभा का कामकाज शुरू हुआ, प्रशोत्तर काल के दौरान भाजपा नगरसेवक विक्की कुकरेजा ने 10-12 हज़ार पोल बिना LED लाइट के खड़े होने का सवाल खड़ा किया। तो महापौर दयाशंकर तिवारी ने प्रशासन को निर्देश दिया कि 1 माह के भीतर सभी खाली पोल पर LED लाइट लग जानी चाहिए।इसके साथ ही प्रश्नकर्ता का समाधान होना भी अनिवार्य हैं।

इसके बाद प्रश्न क्रमांक 217 के पुकारा होते ही ऑनलाइन व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई। महापौर तिवारी के साथ मनपायुक्त राधाकृष्णन बी भी इस व्यवधान से नाराज होकर लगभग 12.10 बजे सभा का कामकाज स्थगित कर दिया।

लगभग 35 मिनट बाद याने दोपहर 12.45 को पुनः कामकाज शुरू हुई,प्रश्न क्रमांक 219 नगरसेविका दिव्या धुरड़े के सवाल भ्रूण हत्या संदर्भ में चर्चा के दौरान लाडली लक्ष्मी योजना के बंद किये जाने के सवाल पर अच्छी-खासी तकरार प्रशासन और सत्तापक्ष के मध्य हुई,इस पर महापौर ने निर्देश दिया कि जबतक पर्यायी योजना अमल में नहीं आती,तबतक इसे शुरू रखा जाए।

इसके बाद प्रश्न क्रमांक 222 के तहत परिणीता फुके ने निर्जीव वृक्ष और इसे निर्मूलन करते वक़्त जानमाल का नुकसान होने पर मनपा द्वारा किये जाने वाले उपाययोजना का सवाल खड़ा किया और उप प्रश्न करते हुए विधायक प्रवीण दटके ने पातालेश्वर रोड के काटे पेड़,नक्शा मंजूर करते वक़्त प्राप्त वृक्षारोपण हेतु निधि से भांडेवाड़ी में किया गया वृक्षारोपण और नासुप्र के उद्यान मनपा को हस्तांतरित करने जैसे सवाल उठाए। इस जवाब उद्यान विभाग प्रमुख अमोल चोरपगार के जवाब से असंतुष्ट दटके ने उनके निलंबन की मांग कर दी,वह इसलिए कि भांडेवाड़ी में वृक्षारोपण हेतु गड्ढे करने,पौधे खरीदने और देखभाल हेतु 3 अलग अलग टेंडर निकाले गए थे,जबकि 1 ही टेंडर में तीनों मुद्दों को समाहित किया जा सकता था,यह ग़ैरकृत पूर्व मनपायुक्त तुकाराम मुंढे के कार्यकाल में हुआ, उसी कार्यकाल में तत्कालीन महापौर द्वारा आमसभा में दिए गए आधा दर्जन से अधिक निर्देशों में से एक का भी पालन नहीं किया गया,

इस मुद्दे पर सभी सत्तापक्ष आजतक मौन हैं और उनके तबादले बाद उनका गुस्सा चोरपगार पर निकालने की कोशिश की गई,इससे एकदम आगे बढ़कर चोरपगार को तत्काल निलंबित करने की जिद्द तक की गई,आयुक्त के हस्तक्षेप बाद महापौर ने निर्देश दिया कि पातालेश्वर रोड के काटे वृक्ष के दोषी पर कार्रवाई करें,भांडेवाड़ी मामले में 1 के बजाय 3 टेंडर की जांच हो,नासुप्र उद्यान उन्हें वापिस कर दिया जाए,उन उद्यानों पर हो रहे खर्च भी नासुप्र द्वारा भुगतान करवाया जाए,चोरपगार मामले में कलाम 72 क का उल्लेख युक्त रिपोर्ट अगली सभागृह में रखा जाए। आयुक्त ने इसके लिए अतिरिक्त आयुक्त को जिम्मेदारी सौंपी। इसके बाद अधिवक्ता धर्मपाल मेश्राम ने महापौर एप्प को दरकिनार कर तत्कालीन आयुक्त द्वारा NAGPUR LIVE APP तैयार कर महापौर के प्रयासों और अधिकार को दबाने संबंधी सवाल खड़ा किया। इस सवाल पर आयुक्त के समाधानकारक जवाब से क्षुब्ध महापौर ने अब मनपा का एक अत्याधुनिक APP तैयार करने जिसमें जनप्रतिनिधियों के लिए भी व्यवस्था हो ऐसी व्यवस्था करने का निर्देश दिया,इसके लिए 15 दिन का समय दिया।

दोपहर 14.39 बजे 40 मिनट के लिए कामकाज रोका गया, इसके बाद दोपहर 15.19 बजे चौथी बार कामकाज शुरू हुआ। इस दौरान NDS के कार्यप्रणाली पर सत्तापक्ष की ओर से तीखे आरोप-प्रत्यारोप किए गए। इनके कामकाजों की समीक्षा के लिए महापौर ने 5 सदस्यी समिति गठित करने का निर्देश दिया,जिसमें 2 नगरसेवकों का समावेश होगा।

इसके बाद वर्ष 2021-22 काल के लिए दुर्बल घटक समिति के नामों की घोषणा महापौर ने की,इनमें वैशाली नारनवरे,कांता रारोकर,सकुन्तला पारवे,उषा पैलेट, लहुकुमार बेहेते, विद्या मड़ावी, विजय चुटेले,शिल्पा धोटे, परसराम मानवटकर,आशा उइके का समावेश हैं।

अंत अंत में मनपा में जनप्रतिनिधियों की विभिन्न समितियों बनाम आयुक्त द्वारा गठित विभिन्न समितियों पर धर्मपाल मेश्राम और आयुक्त के मध्य नोकझोंक हुई,मेश्राम की मांग पर महापौर ने निर्देश दिया कि आयुक्त जनप्रतिनिधियों की समितियों को तरजीह दें, और 4-5 सर्वपक्षीय पदाधिकारियों के संग आयुक्त स्वयं बैठक लेकर अकारण निर्मित की गई प्रशासन द्वारा समितियों को स्वयं बर्खास्त करें।

अंत में अधिवक्ता धर्मपाल मेश्राम,बंटी कुकड़े, उपमहापौर मनीषा कोठे,समिता चाकोले के सुझाव पर प्रभाग 26 अंतर्गत कामाक्षी नगर के खुले मैदान व बगीचे को स्वर्गीय रामानुज सिंह उर्फ मास्टर साहेब नाम दिए जाने के प्रस्ताव सह अन्य 5 प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई।