नागपुर : नागपुर मनपा संपत्ति कर विभाग के अनुसार शहर की 531245 संपत्तियां कर के दायरे में थीं. इसके अलावा जीआईएस द्वारा किए गए सर्वे में 56561 संपत्तियां अतिरिक्त पाई गईं. वर्तमान में विभाग के पास 547431 सम्पत्तियों का लेखा-जोखा उपलब्ध होने की जानकारी विभाग प्रमुख मिलिंद मेश्राम ने महापौर को दिए.
मेश्राम द्वारा महापौर को दी गई जानकारी के अनुसार सर्वे में 169889 सम्पत्तियां नई मिलीं जो कर के दायरे से अबतक बाहर थीं. 547431 संपत्तिधारकों में से 281000 संपत्तिधारकों को डिमांड जारी किया गया है. शेष संपत्तिधारकों को सितम्बर 2018 तक डिमांड जारी कर दिया जाएगा.
सम्पूर्ण सम्पत्तियों का पुनः मूल्यांकन के बाद संपत्ति कर विभाग को होने वाली आय में दोगुणा होने की उम्मीद जताई गई है. क्यूंकि विभाग ने निजी ठेकदारों के अनुभवहीन कर्मियों के कारण कागजों पर अनाप-शनाप अंकेक्षण कर बड़ी हेरा-फेरी कई दफे समक्ष आ चुकी है. इस चक्कर में ठेकदार और उसके कर्मी सह विभाग में उनके हितैषी फल-फूल गए और मनपा प्रशासन जस के तस रह गई. नासुप्र अधीनस्त परिसर/लेआउट आदि के मंजूर इमारतों सह सम्पत्तियों का अब मूल्यांकन कर कर के दायरे में लाने की जानकारी महापौर को विभाग प्रमुख ने दी है.
याद रहे कि विक्की कुकरेजा द्वारा प्रस्तुत वर्ष 2018-19 के बजट में सम्पत्तिकर विभाग से 509 करोड़ के आय होने की उम्मीद दर्शाई गई है. 31 जुलाई 2018 तक मनपा को 48.49 करोड़ का मात्र आय हुई.
उल्लेखनीय यह है कि एक तरफ संपत्ति कर व अंकेक्षण समिति प्रमुख संदीप जाधव की पहल पर पिछले वर्ष से निरंतर बकायेदारों के संपत्ति निलामी की प्रक्रिया शुरू किये जाने से मनपा की आवक में इजाफा हुआ,कल से प्रत्येक जोन में सम्पति कर संकलन/बकाये की समीक्षा हेतु बैठकों का सिलसिला सभापति ने शुरू भी किया तो दूसरी तरफ विभाग में बड़े-बड़े बकायेदारों को राहत दिलवाने में सक्रिय होने की जानकारी मिली है.