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नागपुर: पुने जिले के भोसरी में स्थित ज़मीन की खरीददारी में हुए गैरव्यवहार के मामले की जाँच के लिए गठित न्यायमूर्ति दिनकर झोटिंग समिति की जाँच समाप्त हो चुकी है। बुधवार को समिति के समक्ष एमआयडीसी के वकील द्वारा बहस के दौरान उपस्थित मुद्दों का खड़से के वकील एम जी भांगड़े ने लिखित उत्तर दिया। अपने उत्तर में इस मामले में फंसे राज्य के पूर्व राजस्व मंत्री एकनाथ खड़से के वकील ने दलील दी की जाँच के लिए गठित समिति को इंडियन एविडेंस एक्ट के नियम लागू है। एमआयडीसी के वकील ने अपनी अंतिम बहस के दौरान इस मामले में खड़से का सीधा संबंध होने के सबूत प्रस्तुत करते हुए मामले की जाँच का आदेश देने की सिफ़ारिश करने की अपील समिति से की थी। इसके जवाब में खड़से के वकील ने दलील दी कि जाँच समिति को आपराधिक ( फौजदारी ) आरोप की जाँच की सिफ़ारिश करने का अधिकार नहीं है।
मामले की जाँच के लिए सरकार द्वारा नियुक्त समिति के समक्ष दोनों पक्षों के बीच बहस पूरी हो चुकी है अब जल्द ही समिति अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। मामला सामने आने के बाद 23 जून 2016 को राज्य सरकार ने समिति का गठन किया था। पुने जिले के भोसरी में स्थित एमआयडीसी की ज़मीन की खरीददारी में हुए गैरव्यवहार का मामला सामने आने के बाद भाजपा के कद्दावर नेता एकनाथ खड़से को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। उन्हें न सिर्फ़ मंत्रिपद से इस्तीफ़ा देना पड़ा बल्कि राजनितिक जीवन में भी बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा।