Published On : Fri, Jul 5th, 2019

सरकार ने बजट को लेकर गिनाई खूबियां तो वहीं विपक्ष ने जताई नाराजगी

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नागपुर: गांव, गरीब और किसान’ तथा प्रत्येक नागरिक के जीवन को ‘अधिक सरल बनाने के लक्ष्य के साथ पेश किए गए नरेन्द्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले आम बजट में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए मीडिया, विमानन, बीमा और एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों को उदार करने का प्रस्ताव किया गया है.

बजट में किसानों के हितों के लिए भी योजनाए लाने की बात और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए भी राहत देने की बात मौजूदा सरकार ने अपने बजट से कही है. बैंक खाते से एक करोड़ रुपये से अधिक की निकासी पर दो प्रतिशत की दर से टीडीएस लगाया जाएगा. पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 1 रुपया बढ़ा, सोने पर ड्यूटी 10 से 12.5 फीसदी होगा. 45 लाख के घर पर अब 3.5 लाख रुपये ब्याज में छूट दी जाएगी.

5 करोड़ से ऊपर सालाना आय वालों पर अब 7 फीसदी और 2 से 5 करोड़ की सालाना आय वालों पर 3 फीसदी और सरचार्ज लिया जाएगा. वहीं सालाना 5 लाख रुपये से कम आय वालो को कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा. असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिये शुरू की गई प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना को अब तक 30 लाख कामगारों ने अपनाया.

इस योजना को अपनाने वाले कामगारों को 60 साल की आयु के बाद 3,000 रुपये मासिक पेंशन की सुविधा उपलब्ध होगी. इस बजट पर राजनैतिक पार्टियों के नेताओं की प्रतिक्रिया भी आने लगी है. भाजपा के नेताओ से इसे किसान और गरीबों ,मध्यम वर्ग का हितकर बताया है तो वहीं विपक्ष ने इसे घोषणाबाजी और महंगाई कॉर्पोरेट वाला बजट बताया है.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि इनकम टैक्स में राहत देकर मिडल क्लास को बड़ी राहत दी है. जिन किसानों के पास 2 हेक्टर तक जमीन है उन्हें 6 हजार रुपए मिलनेवाले हैं. 2 हजार रुपए तुरंत उनके बैंक अकाउंट में मिलेंगे. किसानों और मजदूर गरीब लोगों का बजट में ख्याल रखा गया है.

मजदूरों को 3 हजार रुपए पेंशन मिलेगी. मिडल क्लास, हायर मिडल क्लास, डॉक्टर इंजीनियर को इनकम टैक्स से राहत मिलेगी। यह बजट गरीब लोगों के लिए है. अपने विभाग के बारे में उन्होंने कहा की रोड सेक्टर का बजट करीब 85 हजार करोड़ रुपए तक रहेगा.

इस बजट पर भाजपा के विधायक समीर मेघे ने कहा कि यह बजट गांवों और किसानों को ध्यान में रखकर बनाया गया है.सोशल वेलफेयर के लिए भी डिजिटल मोड़ शुरू करनेवाले है. भारत को आगे जाने के लिए बेहतर बजट है.

पूर्व मंत्री और कोंग्रेसी नेता राजेंद्र मूलक ने इसे घोषणाबाजी वाला बजट बताया. उन्होंने कहा कि किसानों के लिए इससे पहले भी इस सरकार ने घोषणा की थी. लेकिन उनका अब तक कर्ज माफ़ नहीं किया गया है. कृषि क्षेत्र में जीडीपी बढ़ सकती है लेकिन कृषि क्षेत्र के लिए कुछ भी नहीं किया गया है. उन्होंने कुल मिलाकर इस बजट को निराशानजक बजट बताया.

कांग्रेस के विरोधी पक्ष नेता विजय वड्डेटीवार ने बजट को निराशाजनक बजट बताया है. इसमें 11 लाख करोड़ टैक्स वसूल किया जाएगा. आम जनता को महंगाई में धकेलने वाला बजट है. किसानों की आत्महत्या बढ़ रही है. लेकिन उनकी राहत के लिए बजट में ऐसा कुछ दिखाई नहीं दे रहा है.बजट में किसानों का कही भी समावेश नहीं है. 5 सालों में बेरोजगारी काफी बढ़ी है. लेकिन इस बजट से बेरोजगारों को किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिलेगी. टैक्स बढ़ाकर आम लोगों की लूट की जायेगी. बेरोजगारी दूर करने के लिए कोई भी उपाययोजना इस बजट में नहीं है.पैसे जमा कर कॉर्पोरेट घरानो को देने का काम सरकार ने किया है.