अधिकारी कामकाज में समन्वय रखें
यवतमाल। 64 हजार में से 31 हजार कुओं का काम पुरा हों चुका है. इन सभी कुओं को बिजली कनेक्शन फौरन मुहैया कराया जाए. ताकि किसानों के खेतों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हों. बड़े बांध स्थाई सिंचाई सुविधा देते है. अभी सिंचाई सुविधा के लिए जलयुक्त शिवार मुहिम कार्यान्वित की गई है, इसका लाभ किसान सिंचाई सुविधा के लिए करें, ऐसा सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आवाहन किया. वे जिला परिषद में आयोजित अधिकारियों की अमरावती संभाग के जाजय सभा में बोल रहें थे.
उन्होंने कहा कि, किसान आत्महत्या और सिंचाई, कृषि, कर्जा आपूर्ति, अधूरी सिंचाई परियोजनाएं, सिंचाई कुए वे इस पर चर्चा की गई. उसी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री बोल रहें थे, इस समय पालकमंत्री संजय राठोड़, जिप अध्यक्षा डा. आरती फुफाटे, मुख्य सचिव स्वाधिन क्षत्रिय, कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीरकुमार गोयल, जलसंपदा के अतिरिक्त मुख्य सचिव मालिनी शंकर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव प्रविण परदेशी, पालक सचिव वी. गिरीराज, सहकार विभाग के प्रधान सचिव शैलेश कुमार, सचिव प्रभाकर देशमुख, विकास देशमुख, सहकार आयुक्त चंद्रकांत दलवी, विधायक मनोहर नाईक, ख्वाजा बेग, विभागीय आयुक्त ज्ञानेश्वर राजुरकर, जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल, सीईओ डा. मल्लिनाथ कलशेट्टी आदि उपस्थित थे. सभी अधिकारियों ने उनके विभाग की जानकारी दी. सीएम ने सभी के विचार जानने के बाद कहा कि, जबतक वे किसानों को सिंचाई गैरंटी नहीं देंगे, तबतक किसानों की हालत नहीं सुधरेंगी.
जलयुक्त शिवार योजना से जगह-जगह पर जलाशय तैयार कर किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराए. बड़े बांध यह निरंतर प्रक्रिया है. छोटे बांध और कुए सिंचाई के अच्छे विकल्प साबित हों सकते है. मध्यप्रदेश में 5 वर्षों में 3 लाख कुए बने. इसके फलस्वरूप कृषि विकास दर 24 फिसदी तक पहुंचा. इसलिए हर अधिकारी और कर्मचारी कृषि विकास दर बढ़ाने के लिए जिन जान लगाकर मेहनत करें, अपने क्षेत्र के किसान आत्महत्या कर रहें है. यह अपने को शोभा नहीं देता. इस कार्य में लोकप्रतिनिधि का भी शामिल होना आवश्यक है. हर काम को चुनौती के रूप में लेना चाहिए. इस काम में कोष कम पडऩे नहीं देंगे. इस बैठक में पालकमंत्री, जिप अध्यक्षा, विधायकों में नाईक, मदन येरावार, राजेंद्र नजरधने और राजू तोड़साम नेे भी सूचनाएं की. बैठक का संचालन उपायुक्त ठाकरे ने किया.