- मोर्चा लेकर भद्रावती के झोपड़पट्टीवासियों ने अपनी समस्याएँ गिनार्इं
- भद्रावती नप की बेरुखी पर किया सवाल
- झोपड़पट्टीवासियों ने स्थायी पट्टे सहित मूलभूत सुविधाओं की माँग की
भद्रावती (चंद्रपुर)। बुधवार को झोपड़पट्टी विकास संगठन के बैनर तले हजारों झोपड़पट्टीवासी अपने विभिन्न माँगों के लिए लामबंद होकर भद्रावती तहसील कार्यालय पर मोर्चा लेकर पहुँचे. जहाँ शिष्टमण्डल ने तहसीलदार सचिन कुमावत को माँगों का ज्ञापन सौंपा.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, भद्रावती शहर और तालुका में बड़ी संख्या में गरीब मजदूरवर्ग झोपड़ियाँ बनाकर अनेक वर्षों से गुजर-बसर कर रहे हैं किन्तु उन्हें मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध नहीं प्राप्त होने से वे संघर्ष कर रहे हैं. वहीं सरकारी तंत्र समय-समय पर उनके आशियाने तोड़कर सड़क पर लाकर खड़ा कर रहा है. इससे उनका जीना दूभर हो चला है. शिष्टमण्डल ने सरकार से पूछा कि उनकी समस्याओं के लिए जिम्मेदार कौन है. उन्होंने निवेदन में तहसीलदार से हो रही ज्यादतियाँ व सरकारी तंत्र की उदासीनता पर गहन विचार-विमर्श कर कोई सर्वशुद्ध हल निकालने की अपील की है. शिष्टमंडल ने माँगों में झोपड़पट्टीवासियों को स्थायी रूप से जमीन के पट्टे देने, मूलभूत सुविधाएँ देने की माँग करते हुए चेतावनी दी कि यदि निकट भविष्यों में उनकी माँगी नहीं मानी गर्इं तो वे और अधिख तीव्र आंदोलन के लिए बाध्य हो जाएँगे.
अवसर पर झोविसं के संस्थापक अध्यक्ष राहुल सोनटक्के के नेतॉत्व में शिष्टमंडल में मोहम्मद कासिम भाई, नगरसेवक प्रपुâल्ल गौरकार, रमेश्वर देवगड़े, किशोर दारव्हेकर, अन्नपूर्णा सिंह, सुनंदा येस्मकार, सरीता वावेला, किशोर भागवत, प्रतिभा सोनटक्के, फरजाना शेख, निर्मला पूâलमाली, सूरज मेश्राम, बशीरभाई, मंगेश सोनुरकर, रेवानंद नगराले, प्रमोद पाटिल, कालेताई प्रमुखता से उपस्थित थे.
तालुका में १० हजार झोपड़पट्टियाँ
भद्रावती शहर और तालुका में करीब १० हजार झोपड़पट्टियाँ हैं. भद्रावती न.प. क्षेत्र में लगभग ८ हजार झोपड़पट्टियाँ हैं. नप के कुल वसाहत क्षेत्र ३६.१ चौकिमी क्षेत्र है. जिसमें से १८ चौकिमी क्षेत्र में झोपड़ियाँ हैं. यहाँ सिर्फ पाँडववाड़ी में २ हजार झोपड़ियाँ हैं. इसके अलावा गवराला, डोलारा, जुना सुमलाणा, नई सुलाणा, फुले नगर, नेताजी नगर, फुकट नगर, शिवाजी नगर, आनन्द नगर में झोपड़पट्टियाँ हैं. यहाँ की जनता जमीन की पट्टे दिए जाने की प्रतीक्षा में हैं. वहीं २००५ के पूर्व निर्मित झोपड़ियाँ स्थायी करने का सरकारी निर्णय के अनुसार पट्टे देने में देरी होने का कारण प्रतिनिधिमंडल ने पूछा.वहीं एक उदाहरण देकर प्रश्न पूछा कि चंद्रपुर महानगरपालिका और वरोरा नगरपालिका अंतर्गत आनेवाली झोपड़पट्टीवासियों की समस्याएं निबट गई हैं परंतु भद्रावती नप अंतर्गत झोपड़पट्टीवासियों पर अन्याय क्यों किया जा रहा है?