Published On : Wed, Jun 16th, 2021

नए SP को मिलेगी ‘रेत माफियाओं’ से चुनौती !

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– नागपुर ग्रामीण का वर्त्तमान SP का तबादला होने वाला हैं,जो रेत माफियाओं पर अंकुश लगाने में असफल रहे,आने वाले SP को सरकारी खनिज संपदा का अवैध रूप से दोहन,परिवहन करने वालों से दो-दो हाथ करना होगा

नागपुर – नागपुर जिले में आपार खनिज संपदा हैं.जिस पर जिला प्रशासन का पूर्णतः अंकुश नहीं होने से पिछले डेढ़ दशक से सफेदपोशों की संरक्षण में खुलेआम जमकर दोहन किया गया.इक्का-दुक्का विरोध पर जिला प्रशासन ने थातुर-माथुर कार्रवाई कर अपना पल्ला झाड़ लिया।उक्त कृत में नागपुर ग्रामीण अधीक्षक कार्यालय के अधीनस्त विभागों जैसे LCB,TRAFFIC की अहम् भूमिका को नाकारा नहीं जा सकता।

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इन दिनों जिले में गर्मागर्म चर्चा यह हैं कि वर्त्तमान SP का नियमित तबादला होने वाली हैं,इनसे नाराज जिले के पुलिस अधिकारी/कर्मियों में ख़ुशी देखी जा रही.साथ ही इनसे नाराज गांव वासी खड़कर उन गांव के नागरिक जिस गांव के दायरे में खनिज संपदा हैं ,जहाँ अवैध/नियमनुसार दोहन नहीं हो रहा था,उन ग्रामवासियों की शिकायत पर जिले के SP,LCB,TRAFFIC विभाग कोई ठोस कार्रवाई की जगह अवैधकृत्कर्ताओँ को संरक्षण दे रहे थे,वर्त्तमान SP के तबादले की खबर से वे प्रफ्फुलित हैं.तो दूसरी ओर नए SP से आस लगाए हुए हैं कि जिले में चल रही खनिज सम्पदाओं का अवैध दोहन (रेती,गिट्टी,मुरुम,मैगनीज आदि) पर लगाम लगाएंगे। क्यूंकि ग्रामवासियों में चर्चा हैं कि ऐसे ही सक्षम/ईमानदार/कर्तव्यपरायण अधिकारी को नागपुर जिले का नया SP बनाने पर जोर दिया जा रहा.

नए SP को जिले में सबसे पहले ‘रेत माफिया’ से जूझना होगा।जिन्हें जिले के सफेदपोश तथाकथित जनप्रतिनिधि का खुला संरक्षण प्राप्त हैं क्यूंकि वे इस अवैधकृत से होने वाली आय के हिस्सेदार हैं.इनके ही दबाव में जिला अधिकारी कार्यालय सह संलग्न विभाग मूक-प्रदर्शन कर रहा.हालांकि मूक-प्रदर्शन करने के एवज में उन्हें वेतन से कई गुणा आय हो रही,इसलिए भी वे चुप रहना पसंद कर रहे.

जिला अधिकारी कार्यालय और ग्रामीण पुलिस प्रशासन के ढुलमुल रवैय्ये से राज्य के राजस्व विभाग को पिछले डेढ़ दशक में प्रत्येक वर्ष करोड़ों में राजस्व हानि हुई,वह भी सिर्फ नागपुर जिले से.इसके साथ ही जिले के पर्यावरण को भी तबियत से रेत माफिया सह अन्य खनिज सम्पदा के अवैध दोहन करने वालों ने खिलवाड़ किया।जिसका असर खेती-किसानी से जुड़े नागरिकों को सहन करना पड़ा.

अब देखना यह हैं कि राज्य के राज्यकर्ता/मंत्री/पालकमंत्री उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए नागपुर ग्रामीण को नया SP के रूप में किसे मौका देती हैं.हालांकि सत्ताधारियों में अपने-अपने खास को नागपुर ग्रामीण का SP बनाने के लिए खींचातानी शुरू हैं,कोई जिले में सुधार चाह रहा,तो कोई जिले को ‘AS IT IS’ रखना चाह रहा.यह भी उल्लेखनीय हैं कि इस शक्ति-प्रदर्शन में किस सफेदपोश का पलड़ा भारी पड़ता हैं.

कड़क SP लाने की सोच रहा मंत्री की एक तीर से दो निशाना साधने की कोशिश हैं,पहला अन्य मंत्री की अवाक् रोक व्यक्तिगत खुन्नस निकल जाएगी,दूसरी यह कि अगली लोकसभा चुनाव में इन्हें रामटेक लोकसभा से चुनाव लड़ने की इच्छा हैं.इसलिए खुद का विधानसभा क्षेत्र और मिला मंत्रालय का कामकाज अपने रिश्तेदार के हवाले कर दिए हैं.

खनिकर्म महामंडल सो रहा
जिले में उक्त धांधलियां और इसी जिले में खनिकर्म महामंडल का प्रमुख रहता हैं,बावजूद इसके खनिज सम्पदा का अवैध दोहन पर अंकुश लगने के बजाय बढ़ते ही जा रहा.यह भी चर्चा में हैं कि खनिकर्म महामंडल प्रमुख के नेतृत्व में चंद्रपुर जिले में रेत की करोड़ों में अफरातफरी हुई थी,जिस पर विभागीय आयुक्त के नेतृत्व में जाँच चल रही.और तो और नागपुर जिले में इनकी सक्रियता न के बराबर होने से यह समझा जा रहा कि उक्त अवैध दोहन मामले को इनका संरक्षण मिल रहा हैं.ऐसे पदाधिकारी भी अपने गुर्गो के लिए नए SP के काम में बाधा डाल सकते हैं.

अवैध शराब का हब हैं नागपुर ग्रामीण
सावनेर सह ग्रामीण में अवैध शराब/मध्यप्रदेश की शराब बिक्री का हब कहलाया जाता हैं.इससे जिला आबकारी विभाग पूर्णतः वाकिफ हैं.क्यूंकि जिले के पूर्व और वर्त्तमान मंत्रियों का इस उद्योग को संरक्षण मिलता रहा इसलिए आबकारी विभाग कार्रवाई के नाम पर बेचने वालों को छोड़ पीने वालों को दबोच कर कागज काली करते रही हैं.पिछले विधानसभा चुनाव में एक उम्मीदवार,जो फ़िलहाल सत्ताधारी विधायक हैं,उसकी मांग पर उसके चुनाव क्षेत्र के लिए एक ट्रक शराब मुफ्त में भिजवाए थे,वह इसलिए कि आबकारी विभाग से चुनाव पूर्व उनके चुनावी क्षेत्र के एक समर्थक शराब व्यापारी के गिरबान पर हाथ डाली थी.इस मामले से उक्त उम्मीदवार वैसे ही तमतमाए थे,उनको शांत करने के लिए उनकी ही मांग पर उनके मांग अनुसार मांग पूरी की गई थी.ऐसे मामलों से भी नए SP को सामना करना पड़ेगा।

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