खस्ता हाल बांध पर किसानों का बड़ा सवाल
उमरखेड़ (यवतमाल)। राज्य सरकार ने सिंचाई विभाग के मार्फत करोड़ों रुपये खर्च कर पैनगंगा नदी में सायफल-उनकेश्वर के पास कोल्हापुरी बांध दो वर्ष पूर्व शुरू किया गया था. बुनियादी ढांचा खड़ा करने के बाद ठेकेदारों ने काम बंद कर दिया. इसके बाद से अब तक बांध की सलाखें जंग खा रही हैं. वहीं बताया जा रहा है कि इसमें लगाई गई सामग्री निकृष्ट दर्जे की है. ऐसे बुनियाद पर क्या बांध दीर्घकालीन साबित हो सकता है? इन सब बातों पर आंसू बहाता अधूरा कोल्हापुरी बांध अपने अस्तित्व को टटोलते हुए जाँच करने की गुहार लगाता प्रतीत हो रहा है.
अब सवाल यह है कि काम शुरू होने के 6 माह बाद अधूरा छोड़ा गया यह कोल्हापुरी बांध क्या सरकार निकटवर्ती दिनों में पुन: शुरू करेगी या फिर किसानों को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा? शासन किसानों के हितों को ध्यान में रख कर करोड़ों की लागत से ऐसे बांधों का निर्माण समय पर करने की बात कहता है परंतु समय के साथ अपने वादों से मुकर जाता है, मगर किसानों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है. उधर अधिकारियों व अभियंताओं द्वारा सुध नहीं लिये जाने से निकट भविष्य में यह कोल्हापुरी बांध का पूर्ण होने असंभव लग रहा है. किसानों द्वारा अब सवाल उठाये जा रहे हैं कि इसकी निष्पक्ष जाँच करवाकर दर्जेदार सामग्री के साथ पुन: इस अधूरे कोल्हापुरी बांध का कब तक निर्माण कर राहत दिलायी जाएगी?