शेतकरी संगठन का आंदोलन
वरुड (अमरावती)। वरुड़-मोर्शी तहसील में कपास उत्पादक किसान बड़े पैमान में है, लेकिन कपास को उचित दाम ना मिलने से कपास उत्पादक किसान हतबल हो गया है, ऐसी परिस्थिति में उनका जीना और भी कठीन हो गया है, किंतु शासन व उनके अधिकारियों को कपास उत्पादक किसान के बारे में कोई लेना-देना नहीं.
बेशरम के पौधे लगाये
खुद के हित व कार्यकर्ताओं के हितों के लिए सत्ता का सुख लिया जा रहा है, ऐसे संतप्त सवाल करते शनिवार को स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के कार्यकर्ताओं ने विधायक डा.अनिल बोंडे के वरुड स्थित निवास के सामने बेशर्म का पौधा लगाकर आंदोलन किया. वहीं तहसीलदार को बेशर्म का पौधा देकर बेशर्म सरकार व बेशर्म विधायक ऐसी पदवी बहाल की गई. वर्ष 2011-12 में कपास को 7 हजार दाम थे, जबकि 13-14 में 5200 रुपए भाव मिल रहा था, लेकिन अच्छे दिनों की आस दिखाकर यह सरकार सत्ता में आयी. जिन्होंने 3700 रुपए भाव दिया. इन क्षेत्रों में कपास उत्पादक अधिक होने के बाद भी यहां केंद्र की कपास खरीदी केंद्र (सीसीआय) निर्माण नहीं हुई. जिससे किसानों को निजी व्यापारियों को कपास बेचना पड़ रहा है. फिर भी इस सरकार की निंद नहीं खुल रही. इसीलिए सरकार को बेशर्म पदवी दी है. इस समय देवेंद्र भुयार, संदीप खडसे, गजानन चोरे, सुशील डोंगरे, प्रवीण गेडाम, देवेंद्र हेलोडे, राजेश टेकाम, उमेश डबरासे, किशोर हेलोडे, प्रदीप सिरसाम, मनोज कांडलकर, सतीश पाटनकर, सुमीत गुर्जर, गोपाल नांदुरकर समेत अन्य थे.