नागपुर– देश में महंगाई अपनी चरम सीमा पर पहुंच गई है. पेट्रोल के दाम रोजाना या फिर एक दो दिनों में बढ़ते ही है. इसके साथ साथ एडिबल ऑइल सोयाबीन का तेल जहां 130 रुपए प्रति किलों पर पहुंच गया है तो वही तुवर दाल 100 रुपए प्रति किलों दुकानों में बिक रही है. इसके कारण आम आदमी का घर का बजट गड़बड़ा गया है. कुछ वर्ष पहले से पेट्रोल डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी होने के कारण आशंका जताई जा रही है कि इस वर्ष के अंत तक पेट्रोल 100 रुपए तक हो जाएगा.
बात करे एडिबल ऑइल की तो 15 किलों का डिब्बा 1900 रुपए में बिक रहा है. तो वही शहर के ज्यादातर दुकानों में फल्ली, सूर्यफुल और विभिन्न प्रकार के तेल 130 से भी ज्यादा के दाम में बिक रहे है. गरीब और आम आदमी समेत मध्यम वर्ग के लोगों को भी इस महंगाई का दंश झेलना पड़ रहा है. खाने पिने की वस्तुओ जैसे तेल, पेट्रोल और दाल यह रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोग में आनेवाली है. इसके दाम बढ़ने का सीधा असर आम जनता पर पड़ता है. बजट 2021 के बजट में चाहें जो भी मिले, लेकिन आम आदमी को उसकी रोजमर्रा की वस्तुएं सीमित दाम में या कम दाम में मिले, यही देश की जनता के लिए बहोत है.
2014 में भाजपा सरकार के सत्ता में आने से पहले देश की जनता को उम्मीद थी की अब महंगाई कम होगी, करप्शन कम होगा और देश बहोत तररकी करेगा. देश की आम जनता और मध्यम वर्गीय परिवारों को सबसे ज्यादा उम्मीद थी की उनके घर का बजट न बिगड़े. लेकिन हुआ ठीक इसके उल्टा. नागरिक रसोई गैस, पेट्रोल, डीजल, खाने पीने की कीमतों में लगातार हों रहे इजाफे से काफी परेशान है. पिछले 6 वर्षो में जिस तरह से महंगाई बढ़ी है. इससे यह उम्मीद नहीं की जा सकती है, इन वस्तुओ के दाम कम होंगे, यह उम्मीद भले ही की जा सकती है की इसके और दाम बढ़ेंगे.
