Published On : Sat, May 6th, 2017

जिला परिषद में कचरा जलाने के दौरान पांच पेडों में लगी आग

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नागपुर:
 ‘वृक्ष लगाओ, वृक्ष बचाओ’ यह नारा इन दिनों देश भर में दिया जा रहा है। देश के हर राज्य में पर्यावरण का संतुलन बरकरार रखने के लिए पेड़ों को लगाने की मुहीम छेड़ी जा रही है। इसके िलए जनजागृति भी लाए जाने का दावा किया जा रहा है। नागपुर शहर भी इससे अछूता नहीं है। सरकारी विभागों तो खास तौर से पेड़ों की रक्षा करने का संकल्प लेते हैं। लेकिन कार्यक्रम खत्म होने का बाद संकल्प धूमिल पड़ जाते हैं। ऐसा ही कुछ नजारा जिला परिषद परिसर में देखने मिला। इमारत के सामने ही गार्डन है, जहां कचरा जलाने के कारण पांच से छह पेड़ ाग की लपेटे में आ गए। इससे ये पेड़ पूरी तरह से जल गए। लेकिन इसकी सुध किसी भी अधिकारी या फिर कर्मचारी ने नहीं ली और ना ही इन अधिकारियों को इस बात की जानकारी ही है।

पिछले हफ्ते किसी कर्मचारी द्वारा यहां कचरा जलाया गया था। कचरा जलाने पर न्यायलयीन प्रतिबंध होने के बाद भी कचरा खुले आम जलाने की शिकायतें होते रहती हैं। लेकिन इन नियमों की जिला परिषद परिसर में खुले आम धज्जियां उड़ाई गईं। बड़ी बात तो यह है कि इस बारे में जब सफाई जागृति अभियान के अधिकारी निखिल रोदनकर से बात कि गई तो उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं थी। केवल यही नहीं पेड़ों के संरक्षण की जिम्मेदारी पंचायत विभाग के अधीन होने की बात कहते हुए जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने लगे। इस तरह के बयानों को सुनकर यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि ‘वृक्ष लगाओ, वृक्ष बचाओ’ का नारा उपराजधानी में घुटने टेकता नजर आ रहा है।