Published On : Thu, May 15th, 2025
By Nagpur Today Nagpur News

जर्जर मकान खाली करना पड़ा, हाई कोर्ट को दी गई सामान हटाने की जानकारी

Advertisement

Representational Pic

नागपुर। मनपा द्वारा जारी नोटिस के बाद एक जर्जर मकान को आखिरकार खाली करना पड़ा, जिससे किसी भी संभावित अप्रिय घटना को टाला जा सके। 6 मई 2025 को मनपा ने इस मकान को खतरनाक घोषित करते हुए 24 घंटे में खाली करने का नोटिस जारी किया था। इस नोटिस को चुनौती देते हुए किशोर झाम की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।

हालांकि, याचिकाकर्ता ने बाद में नोटिस के मद्देनजर अपनी याचिका वापस लेने की मांग की, लेकिन उसी इमारत में किराएदार के रूप में रह रहे एक व्यक्ति की ओर से मध्यस्थता याचिका दायर की गई। मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने जानमाल के नुकसान की आशंका को देखते हुए मध्यस्थ को स्वयं मकान खाली करने का सुझाव दिया।

इसके बाद मध्यस्थ ने कुछ समय की मांग करते हुए अपनी सीमा में आने वाले सामान को हटाया और इस संबंध में रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की।

Gold Rate
26 July 2025
Gold 24 KT 98,300 /-
Gold 22 KT 91,400 /-
Silver/Kg 1,13,700/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

24 घंटे में खाली करने का नोटिस विवादित

मध्यस्थ की ओर से पक्ष रख रहे अधिवक्ता कोतवाल ने आपत्ति जताई कि मनपा द्वारा दिए गए नोटिस में केवल 24 घंटे का समय दिया गया, जो न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि जवाब देने के लिए उचित समय मिलना चाहिए।
मनपा की ओर से पेश वकील ने स्पष्ट किया कि यह नोटिस वीएनआईटी द्वारा 30 जनवरी 2025 को जारी स्ट्रक्चरल रिपोर्ट के आधार पर दिया गया था। इससे पहले भी भवन की स्थिरता को लेकर कई प्रतिकूल रिपोर्टें मिल चुकी थीं। इस पर कोर्ट ने टिप्पणी की कि भवन के निवासियों को उचित समय दिया जाना चाहिए था।

7 दिनों में परिसर खाली करने का दिया गया निर्देश

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मध्यस्थ के वकील से पूछा कि क्या वे 7 दिनों के भीतर मकान खाली करने को तैयार हैं, ताकि कोई अनहोनी न हो। वकील कोतवाल ने कोर्ट को सकारात्मक उत्तर दिया।
इसके बाद हाई कोर्ट ने 6 मई 2025 को जारी नोटिस पर 7 दिन की अस्थायी रोक लगाते हुए आदेश दिया कि तय समय में मकान खाली कर उसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाए।

निर्देशानुसार संपत्ति खाली कर दी गई और उपयोगी सामान हटाने की सूचना रिपोर्ट के रूप में हाई कोर्ट में प्रस्तुत कर दी गई है।

 

Advertisement
Advertisement