Published On : Fri, Feb 28th, 2020

सृजन बिंब प्रकाशन द्वारा प्रकाशित वार्षिकांक ‘ उजास ‘ पुस्तक का हुआ विमोचन

Advertisement

नागपुर – नागपुर से रीमा ने साहित्य के क्षेत्र में एक नया प्रयोग शुरू किया है. लोकमत समाचार में दीपावली के वार्षिकांक की शुरुवात की थी . उसमे देश के नामचीन लोगों की मौजूदगी रहती थी. यह कहना है शहर के वरिष्ठ पत्रकार एस.एन विनोद का. वे गांधी चिंतन पर केंद्रित ‘ सृजन बिंब प्रकाशन द्वारा प्रकाशित वार्षिकांक ‘ उजास ‘ पुस्तक के विमोचन समारोह में मौजूद लोगों को संभोधित कर रहे थे. इस दौरान प्रकाशन की संचालक रीमा दीवान चड्ढा, वरिष्ठ उद्घोषक एवं लेखक किशन शर्मा , वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.सागर खादीवाला, राजेश नामदेव, ट्रैफिक डीसीपी विक्रम सालीह समेत अन्य लोग मंच पर मौजूद थे. इस दौरान एस.एन विनोद ने देश के मौजूदा हालात पर भी नाराजगी व्यक्त की.

उन्होंने कहा की आज गांधी के नाम के साथ साथ उनके हत्यारो की चर्चा भी की जा रही है. आज गोडसे के मंदिर बनाएं जा रहे है, उसके चित्र पर माल्यार्पण किया जा रहा है. यह स्थिति कैसे पैदा हुई है. इस क्षेत्र में भी जो लिखा जाना चाहिए, जो बोला जाना चाहिए, वह भी नहीं हो रहा है.कारण बहोत सारे है. सभी को पता है. लेकिन इससे लड़ने की प्रवुर्ति यूं तो सभी में है. कहा जाता है की साहित्य समाज का दर्पण होता है .

Gold Rate
13 May 2025
Gold 24 KT 94,300/-
Gold 22 KT 87,700/-
Silver/Kg 97,300/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

इसमें दो राय नहीं है. लेकिन आज की जो परिस्थिति है . आज जो साहित्य की रचना हो रही है, इतिहास के पन्नों को उलटने की जरुरत नहीं है, केवल मुंशी प्रेमचंद का साहित्य पढ़िए, व्यवस्था के बारे में और समाज का पूरा खाका सामने आ जायेगा . प्रेमचंद के साहित्य से आपको पता चलेगा, उस समय क्या स्थिति थी, समाज किस ओर जा रहा था. उस समय समाज कैसे संचालित होता था, इस साहित्य के माध्यम से आपको पता चल जाएगा .उन्होंने कहा की मौजूदा सरकार हमारी बौद्धिक क्षमता को समाप्त करने की साजिश की जा रही है.

पुस्तक की प्रकाशक रीमा ने इस दौरान कहा की यह बड़ा काम था. लेकिन जूनून था. उन्होंने बताया की वो कई जगहों पर गई, कई लोगों से मिली . लेकिन विज्ञापन नहीं मिले .व्यवस्थित कर्मचारी, व्यवस्थित ऑपरेटर नहीं होने के बावजूद भी पुस्तक पूरी की. इसमें कई लोगों के अलग अलग आलेख है. मित्रो के साथ कई रचनाकारों के आलेख भी है.

इस दौरान किशन शर्मा ने कहा की आज तक उन्होंने पागलपन और जूनून के बारे में सुना था. लेकिन अब रीमा के रूप में देखा है.उन्होंने कहा की मुफ्त में मिली चीज की कोई कीमत नहीं होती . उन्होंने सभी मौजूद मेहमानो से पुस्तक खरीद ने का आव्हान भी किया . उन्होंने कहा की उनके पिता और माता पुत्र और पुत्रवधु के रूप में गांधीजी के साथ रहे है. उनके पास गांधीजी के लिखे करीब 250 पत्र है.

इस दौरान राजेश नामदेव ने कहा की पुस्तक का विमोचन रीमा की जीत है. इस पुस्तक में जो कमियां और खामियां है, वह हमारी है और इसकी अच्छाई आप सबकी है. उन्होंने कहा की गांधीजी की सभी बात करते है, लेकिन उनकी विचारधारा को कोई आत्मसात नहीं करता . उन्होंने कहा की हम अपने विवादों में रहते है. लेकिन गांधीजी के चिंतन को कोई समझ नहीं पा रहा है.

इस दौरान मौजूद डॉ.सागर खादीवाला ने एक बेहतरीन कविता जो गांधीजी पर आधारित थी, वह सुनाई और रीमा को पुस्तक के लिए बधाई दी.

इस समय मेहमान डीसीपी ट्रैफिक विक्रम सालीह ने कहा की शहर के पुलिस आयुक्त ने महिलाओ के लिए होम ड्ड्रॉप सेवा शुरू की है. उन्होंने कहा की वे भी गांधीजी से काफी प्रभवित है और 6 महीनो में एक बार जरूर सेवाग्राम जाते है.

इस कार्यक्रम की शुरुवात दीप -प्रज्वलन कर की गई. इसके बाद गांधीजी का गीत गाया गया . सभी मौजूद अतिथियों का सत्कार किया गया. इस कार्यक्रम में काफी लोग मौजूद थे.

Advertisement
Advertisement