Published On : Wed, Dec 24th, 2014

मूल : कत्तलखाने की इमारत लावारिस!


  • नगर पालिका की अनदेखी
  • बकरे को काटा जाता है रास्तेपर

सवांदाता / भोजराज गोवर्धन

Kattalkhana mul
मूल (चंद्रपुर)। विदर्भ वैज्ञानिक विकास महामंडल की निधि से नगर पालिका ने साप्ताहिक बाजार में कत्तलखाने की इमारत का निर्माण किया. पिछले 10 साल पूर्व कत्तलखाने की इमारत का निर्माण हुआ था. लेकिन इस इमारत में कत्तल ना करते हुए रास्ते पर बकरे काटे जाते है. जिससे गंदगी का प्रमाण बढ़ रहा है. इस संदर्भ में वार्ड के नागरिकों ने तत्कालीन नगराध्यक्ष उषा शेंडे और मुख्याधिकारी गर्राटे से मुलाकात कर बताया. लेकिन इसकी ओर ध्यान ना देते हुए आज भी कत्तलखाना लावारिस पड़ा है.

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यहाँ के साप्ताहिक बाजार के क्षेत्र में अनेक वर्षो से बकरें काटे जाते है. इस कार्य में नागरिकों को परेशानी न हो इसलिए नई इमारत 10 वर्ष पहले निर्माण की गयी. जिसके लिए 5 से 7 लाख का खर्च आया. लेकिन नगर पालिका के नियोजन के अभाव में आज भी कत्तल रास्ते पर की जाती है. इस कत्तलखाने की इमारत में सूअरों  का बसेरा है. दरवाजे, खिड़किया चोरी हुयी है, गंदगी का प्रमाण बढ़ा है.

Kattalkhana mul (1)
बकरे कत्तल करने वालों ने तत्कालीन मुख्याधिकारी और नगराध्यक्ष से कत्तलखाने की सुधारना कर बिजली और पानी की व्यवस्था कर ने की मांग की थी लेकिन किसीने ध्यान नही दिया. यहाँ मुर्गे भी काटे जाते है जिसके लिए वार्ड के नागरिकों ने नगरसेवक तथा सभापति से मिलिंद खोब्रागड़े, बड्देलवार को इस अस्वच्छता की जानकारी दी जिसकी ओर अनदेखी की गयी.

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