नागपुर : आगामी महानगर पालिका के चुनाव को देखते हुए शहर में शुरू उद्घाटन और भूमिपूजन के दौर पर शिक्षक मतदार संघ की आचारसंहिता की वजह से ब्रेक लग गया है। चुनाव आयोग ने बुधवार को आदेश जारी कर पांच राज्यों के साथ ही महाराष्ट्र विधानपरिषद के चुनाव का ऐलान किया है। राज्य के औरंगाबाद, नागपुर, कोंकण, अमरावती और नागपुर विभाग के शिक्षक मतदान संघ के चुनाव होने हैं। आयोग की घोषणा के साथ आदर्श आचार संहिता का ऐलान किया। जिसके बाद नागपुर विभाग के लिए होने वाले चुनाव की रूपरेखा चुनाव अधिकारी विभागीय आयुक्त अनूप कुमार ने तैयार कर ली है।
गुरुवार को शिक्षक मतदार संघ चुनाव प्रक्रिया की जानकारी देते हुए विभागीय आयुक्त ने बताया कि 10 जनवरी को चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी 17 जनवरी तक नामांकन भरा जायेगा 18 जनवरी को उम्मीदवारों की जाँच की जाएगी और तीन फ़रवरी को मतदान होगा जबकि 6 फ़रवरी को चुनाव परिणाम घोषित होंगे। नागपुर विभाग में आने वाले 6 जिलो में 124 मतदान केंद्र रहेगे। इस चुनाव में 34802 मतदाता है जबकि पिछली बार कुल मतदाता की संख्या 39850 थी। विभागीय आयुक्त के अनुसार शिक्षक मतदार संघ की पांच सीट का कार्यकाल 5 दिसंबर को ख़त्म हो चुका है। लेकिन मतदाता सूची को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आदेश के अनुसार नए सिरे से मतदाता सूची बनाई गई जिस वजह से चुनाव प्रक्रिया में देरी हुई। नए सिरे से तैयार की गयी मतदाता सूची में कई मतदाताओं नाम काटे गए। इस चुनाव के दौरान ही जिलापरिषद और पंचायत समिति के भी चुनाव है इसलिए प्रशासन को ज्यादा मैनपावर की आवश्यकता होगी। हालांकि आयुक्त के मुताबिक जिन जगहों के चुनाव हो चुके है वहाँ के अधिकारियों को इस काम में लगाया जायेगा।
भाजपा के कई कार्यक्रमों पर सीधा असर
शिक्षक मतदार संघ के चुनाव की वजह से आदर्श अचारसंहिता लागू हो चुकी है। जिस वजह से नियम के मुताबिक मंत्री या जनप्रतिनिधि सभा, घोषणा या बैठक नहीं कर पाएंगे। इसका सीधा असर आगामी महानगर पालिका के चुनाव पर होगा। चुनाव से पहले खुद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी कामो का भूमिपूजन या घोषणा नहीं कर पाएंगे। लगभग हर हफ्ते ही इन दिनों ये दोनों नेता शहर में किसी न किसी प्रकल्प का उद्घाटन या भूमिपूजन कर रहे थे अब इस काम पर ब्रेक लग गया है। शुक्रवार को वाठोडा में सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के कैम्पस का भूमिपूजन इन नेताओं के हस्ते नहीं होगा। फिलहाल शिक्षक मतदार संघ के चुनाव और इसके ठीक बाद मनपा चुनाव की वजह से शहर में लंबी आचारसंहिता रहेगी। जिससे साफ है शहर के दोनों नेता के द्वारा भविष्य के लिए शहर में किये जाने वाले विकास काम आचारसंहिता के कारण ठप्प पड़ जायेगे। चुनाव से पहले घोषणा उद्घाटन और भूमिपूजन के जरिये सत्ता पक्ष वोटरों को साधने का प्रयास करता है। बीजेपी भी कुछ ऐसा ही करती लेकिन अब ऐसे मंसूबे धरे के धरे रह जाएंगे।
