Published On : Mon, Jun 22nd, 2020

कर्ज ले या उधार ले, लेकिन फिर भी हजारों रुपए के बिजली के बिल भरे नागपुरवासी

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नागपुर- मार्च में शहर में लॉकडाउन हुआ था. लॉकडाउन जैसे जैसे बढ़ता गया, उद्योग , ऑफिस, काम सभी बंद हो गया. लोगों के पास रोजगार नहीं है, पैसे नहीं है, यहां तक की नागरिकों के पास राशन, दवाखाने के लिए भी पैसे नहीं है. बावजूद इसके सरकार ने अब 3 महीने के बाद शहर के नागरिकों को हजारों रुपए के बिजली (ELECTRICITY ) बिल भेजे है. जिसके कारण अब नागरिकों में भारी नाराजगी देखने को मिली रही है. इसमें ख़ास बात यह है की जिन ग्राहकों ने एमएसईडीसीएल (MSEDCL ) के गाइडलाइन्स के अनुसार लॉकडाउन में भी बिजली (ELECTRICITY ) मीटर की रीडिंग एसएमएस द्वारा विभाग को भेजी थी और ऑनलाइन बिजली बिल भी भरा था, उन्हें भी हजारों रुपए के बिजली के बिल भेजे गए है.

सुरेंद्रगढ़ के एक नागरिक है, जिनका नाम भुवन है, उन्हें लॉकडाउन के बाद अभी जून महीने में 16 हजार रुपए का बिजली का बिल भेजा गया है. इनके यहां लॉकडाउन के चलते दो लोगों का काम बंद हो चूका है. बड़ी मुश्किल से 4 महीनों से घर का गुजारा चल रहा था, और ऐसे में अब काम नहीं होने पर इनके लिए 16 हजार रुपए का बिजली (ELECTRICITY ) बिल भरना नामुमकिन है. इन्होने ‘ नागपुर टुडे ‘ को अपनी समस्याएं बताई. इनका कहना है की इन्हे उम्मीद थी की सरकार बिजली (ELECTRICITY ) बिल माफ़ करेगी या फिर कुछ रियायत देगी. लेकिन सरकार की ओर से किसी भी तरह की रियायत देने से इंकार कर दिया गया है. जिसके कारण अब नागरिकों को अपने घर का सामान बेचकर, कर्ज लेकर बिजली भरना ही होगा.

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इस मामले में विदर्भ राज्य आंदोलन समिति के संयोजक राम नेवले का कहना है की हमने पिछले वर्ष से ही 200 यूनिट बिजली बिल माफ़ करने की माफ़ी सरकार से की थी. बिजली बनाने में विदर्भ का कोयला और संसाधन का उपयोग किया जाता है. यही के नागरिकों को इसका स्वास्थ पर विपरीत परिणाम सहन करना पड़ता है और उसके बावजूद भी सरकार पश्चिम महाराष्ट्र में बिजली भेजती है लेकिन यहां के नागरिकों को किसी भी तरह की बिजली की रियायत नहीं दी जाती. नेवले ने सरकार से मांग की है की जब तक कोरोना संक्रमण है, तब तक सभी का बिजली का बिल माफ़ किया जाए, इसके साथ ही नेवले ने नागरिकों से अपील की है की कोई भी बिजली (ELECTRICITY ) बिल न भरे.