नागपुर: इमामवाड़ा थाना क्षेत्र के रामबाग और इंदिरा नगर झोपड़पट्टी में शुक्रवार शाम फिर से दहशत का माहौल बन गया। इलाके का कुख्यात अपराधी ताराचंद खिल्लारे, जो कभी आतंक का पर्याय माना जाता था, अब दोबारा अपने पुराने रंग में लौटता दिख रहा है। बताया जा रहा है कि अब खिल्लारे ने अपराध की दुनिया छोड़कर प्रॉपर्टी डीलिंग और अवैध साहूकारी का कारोबार शुरू किया है, लेकिन उसका अंदाज वही — धमकाना, डराना और गरीबों पर दबाव बनाना।

ताराचंद खिल्लारे
शुक्रवार को हुए एक अवैध साहूकारी विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। खिल्लारे ने अपने नाती हनी कैथवास (21) और एक साथी के साथ मिलकर सुभाष उके (40) नामक युवक पर जानलेवा हमला कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आरोपियों ने सुभाष पर रॉड और फाइटर से वार किए, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इतना ही नहीं, उसकी कार भी तोड़ दी गई और आरोपी मौके से फरार हो गए।
जानकारी के अनुसार, सुभाष ने कुछ माह पहले हनी की मां से कुछ रुपए उधार लिए थे। ब्याज सहित रकम की वापसी को लेकर तनाव कई दिनों से चल रहा था। शुक्रवार की शाम हनी अपने साथियों के साथ सुभाष के घर पहुंचा और पैसों की मांग को लेकर झगड़ा शुरू हुआ। तभी ताराचंद खिल्लारे खुद मौके पर पहुंचा, सुभाष को थप्पड़ मार गिराया और फिर मारपीट शुरू कर दी।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, खिल्लारे और उसका गिरोह इलाके में खुलेआम वसूली करता है। गरीब मजदूर वर्ग के लोग उसकी धमकियों से परेशान हैं। लोगों का यह भी कहना है कि पुलिस सब कुछ जानती है, पर कार्रवाई नहीं करती, क्योंकि खिल्लारे का खौफ़ अब भी बरकरार है।
फिलहाल पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। लेकिन इलाके में एक ही सवाल गूंज रहा है —
“क्या इमामवाड़ा की गलियों से ताराचंद खिल्लारे का आतंक कभी खत्म होगा?”









