नागपुर: यूजीसी ( विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) की ओर से देश के सभी यूनिवर्सिटियों को कैशलेस बनाने की दिशा में प्रयास शुरू किए गए हैं. जिसके लिए सभी यूनिवर्सिटी को बीएचआयएम( भीम) ऍप द्वारा आर्थिक लेनदेम करने के लिए कहा गया था. नागपुर यूनिवर्सिटी को भी यह सूचना दी गई थी. लेकिन जानकारी के अनुसार यूनिवर्सिटी में केवल प्रोफेसर, अधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन ही कैशलेस हो पाया है.
जबकि विद्यार्थियों के ज्यादातर आर्थिक व्यवहार अभी भी कॅश पर ही हो रहे हैं. नागपुर यूनिवर्सिटी के अमरावती रोड स्थित कैंपस में रोजाना कॅश काउंटर पर सैकड़ों विद्यार्थियों की भीड़ देखी जा सकती है. जो फीस भरने के लिए, परीक्षा फीस, एडमिशन की फीस भरने के लिए यहां कतार में खड़े दिखाई देते हैं. हालांकि यूजीसी की सूचना से पहले भी यूनिवर्सिटी का आर्थिक व्यवहार यानी सभी प्रोफेसर, कर्मियों और अधिकारियों का वेतन कैशलेस ही होता था. सीधे उनके अकाउंट में वेतन जमा कर दिया जाता था. लेकिन यूजीसी ने मुख्य रूप से विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर ही यह सूचना सभी यूनिवर्सिटी को दी थी. लेकिन फिर भी नागपुर यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी अब भी कॅशलेस से खुद को जोड़ नहीं पाए हैं. इसलिए यह कहा जा सकता है कि नहीं के बराबर ही विद्यार्थी अपनी फीस ऑनलाइन या फिर ऍप के माध्यम से भरते हैं.
इस बारे में नागपुर यूनिवर्सिटी के कुलगुरु डॉ. सिध्दार्थविनायक काणे ने जानकारी देते हुए बताया की नागपुर यूनिवर्सिटी में 100 प्रतिशत व्यवहार कैशलेस हो चुका है. विद्यार्थियों को भी फीस ऑनलाइन और ऍप के माध्यम से भरने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. लेकिन जो विद्यार्थी कॅश लेकर आते हैं उन्हें वापस नहीं भेज सकते, इसलिए उनसे नकद फीस भी स्वीकारने की व्यवस्था है.