Published On : Thu, Mar 15th, 2018

जॉब और डिप्लोमा नहीं देने पर छात्रों और अभिभावकों ने किया हंगामा

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नागपुर: नागपुर के धरमपेठ स्थित फ्रैंकफिन इंस्टिट्यूट ऑफ़ एयर होस्टेस ट्रेनिंग में गुरुवार को दोपहर उस समय हंगामा मच गया जब विद्यार्थी डिप्लोमा और जॉब की मांग को लेकर इंस्टिट्यूट पहुंचे. विद्यार्थियों के साथ उनके परिजन भी थे. जिसके बाद सभी विद्यार्थी और उनके परिजन बर्डी पुलिस स्टेशन पहुंचे और इंस्टिट्यूट के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई. इस दौरान विद्यार्थियों ने बताया की इंस्टिट्यूट में ट्रेनिंग प्रोग्राम होता है जिसमे चार कोर्स कराए जाते हैं. लगभग 500 विद्यार्थी यहां पढ़ रहे हैं. सभी की फीस लगभग डेढ़ लाख के करीब है. एडमिशन कराने से पहले सभी से पैसे लेकर एडमिशन दिया जाता है. लेकिन कोर्स पूरा होने के बाद विद्यार्थियों को जॉब नहीं दिया जाता. जिन विद्यार्थियों को कहीं अगर जॉब मिलता भी है तो वहां से उस विद्यार्थियों को दो महीने भर बाद ही निकाल दिया जाता है.

विद्यार्थियों ने बताया कि इंस्टिट्यूट में कोर्स करने के बाद जब दूसरी कंपनियों में हम जाते हैं तो हमें रिजेक्ट कर दिया जाता है. हम जब इंस्टिट्यूट के अधिकारियों को इस बारे में बताते हैं तो उनका कहना होता है कि आपकी हाईट कम थी, इसलिए निकाला गया. जबकि एडमिशन करते समय सभी को एडमिशन दे दिया जाता है. विद्यार्थियों का कहना है कि अब तक केवल एक ही विद्यार्थी को अच्छा जॉब मिला है. पुलिस स्टेशन पहुंचने के बाद राष्ट्रवादी कॉंग्रेस पार्टी के पदाधिकारी नूतन रेवतकर और साहिल सैय्यद ने भी विद्यार्थियों का साथ देते हुए इंस्टिट्यूट के अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की.


इस बारे में जहां विद्यार्थी इंस्टिट्यूट पर आरोप लगा रहे हैं तो वहीं इंस्टिट्यूट की सेंटर मैनेजर मेघा वैद्य ने इंस्टिट्यूट का बचाव कर पूरा ठीकरा विद्यार्थियों पर फोड़ते हुए कहा कि कई विद्यार्थियों को जॉब मिला है. विद्यार्थियों से हम पहले ही कह देते हैं कि अगर उनकी हाईट नहीं बढ़ी तो या फिर वे अपने आपको बदल नहीं पाए तो जॉब नहीं मिलने पर वे ही जिम्मेदार होंगे. वैद्य का कहना है कि डिप्लोमा विद्यार्थियों को सीधे उनके घर पर दिए जाते हैं या फिर इंस्टिट्यूट में डिप्लोमा आता है तो विद्यार्थियों को दे देते हैं. लेकिन विद्यार्थियों के एड्रेस गलत देने की वजह से उन्हें डिप्लोमा मिलने में परेशानी होती है.

बर्डी के ही एक बड़े रैंक के पुलिस ऑफिसर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनका खुद का बेटा भी इस इंस्टिट्यूट में पैसा बर्बाद कर चुका है. उसे काफी समझाया था, लेकिन वह नहीं माना. कोर्स पूरा करने के बाद भी उसे एयरपोर्ट पर जॉब नहीं मिला. अभी कहीं दूसरी जगह, इस फील्ड से अलग जॉब कर रहा है.