Published On : Wed, Sep 25th, 2019

कोयला खदानों में ठप रहा कामकाज, BMS 27 तक करेगा हड़ताल

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नागपुर: कोयला उद्योग में 100 प्रश एफडीआई के विरोध में विभिन्न श्रमिक संगठनों की ओर से बुलाई गई हड़ताल 100 प्रश सफल रहने का दावा किया गया. क्षेत्र में वेकोलि कर्मचारियों के अलावा ठेका श्रमिकों और कर्मचारियों ने भी हड़ताल में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. वेकोलि मुख्यालय सहित खदान परिसरों में संगठनों की ओर से एफडीआई के विरोध में धरना प्रदर्शन किया गया. हड़ताल के चलते कई खदानों में उत्पादन पूरी तरह बंद रहा.

इंटक के प्रदीप कोकास ने बताया कि वेकोलि में हड़ताल 100 प्रश सफल रही. उन्होंने बताया बीएमएस को छोड़ बाकी श्रमिक संगठनों के श्रमिक और कर्मचारी 25 सितंबर से काम पर लौट जाएंगे. दरअसल आरएसएस से जुड़े संगठन भारतीय मजदूर संघ ने 23 से 27 सितंबर तक 5 दिन की हड़ताल का नोटिस दिया था. अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के महामंत्री सुधीर घुरडे के अनुसार संघ का मानना था कि केंद्र सरकार 1 दिन के आंदोलन से सुनने वाली नहीं है, इसलिए हमने 5 दिनों तक आंदोलन शुरू रखने का निर्णय लिया है. अगर इसके बाद भी सरकार की कानों में आवाज नहीं पहुंचती है, तो संघ आगे आंदोलन को और उग्र करेगा.

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श्रमिक संगठनों की मांगें
-100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी निवेश का निर्णय तुरंत वापस हो.
-सभी अनुषंगी कम्पनियों को मिलाकर एक कम्पनी कोल इंडिया बनाई जाए.
-कोयला खदानों में चालू ठेका प्रथा को समाप्त किया जाए.
-ठेकेदारी में लगे मजदूरों को नियमित किया जाए.
-पूर्व की भांति कामगारों को बीमारी की ऐवज में अनफिट की प्रथा चालू रखी जाए.

सरकार की नीति का कामगारों ने किया विरोध
सावनेर संवाददाता के अनुसार केन्द्र सरकार द्वारा कोयला उद्योग में 100 प्रतिशत एफडीआई के प्रस्ताव के विरोध में मंगलवार को सावनेर कोयला खान में बीएमएस, इंटक, सीटू, आयटक व एचएमएस के संगठनों ने रास्ते पर उतरकर हड़ताल की. श्रमिक संगठनों ने केन्द्र सरकार की नीतियों का जमकर विरोध किया व सरकार द्वारा मजदूरों की मांगों पर शीघ्र निर्णय लेकर एफडीआई निर्णय वापस लेने की मांग की गई.

हड़ताल में बीएमएस नेता रामराव मोवाडे, इंटक अध्यक्ष अशोक निंबलकर, बीएमएस के अध्यक्ष महेशकुमार पटवा, एचएमएस के शिवशंकर चौरसिया, आयटक से धर्मेन्द्र मोहित, बापूराव सूरे, बहराची सिंह, बालचंद फिकिरराम, साहेबराव खान, मो. रईस सिद्दीकी, गंगाधर ठाकरे, रजनीश नन्हूरीया, विजय बल्की, सुरेश महतपुरे, रमेश बावने, लक्ष्मण छोटे, प्रमोद पारधी, हरिश्चन्द्र कश्यम, प्रकाश जोगी, योगीराज देवचंद, मधुकर पोटोडे, सोमनाथ यादव, अरुण बैम्हारे, आसाराम टांडेकर, कुंदन टिकले, अनिल कलंबे व अन्य पदाधिकारी व श्रमिक उपस्थित थे.

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