नागपुर: पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने ऐसे सभी बैंकों से सभी सरकारी खाते बंद करने के निर्देश दिये हैं जो खरीफ फसल के लिए किसानों को कर्ज देने में अपना टारगेट पूरा करने में टालमटोल कर रहे हैं. खरीफ फसल कर्ज समीक्षा बैठक में उन्होंने ऐसे बैंकों के प्रति तीव्र नाराजी जाहिर की. बैठक में सांसद कृपाल तुमाने, विधायक आशीष देशमुख, मिलिंद माने, जिप अध्यक्ष निशा सावरकर, जिलाधिकारी अश्विन मुदगल, जिप सीईओ संजय यादव, उपजिलाधिकारी सुभाष चौधरी, मुख्य वन संरक्षक मल्लिकार्जुन सहित अधिकारी उपस्थित थे. पालकमंत्री ने कहा कि खरीफ के लिए किसानों को आवश्यक कर्ज के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों से अड़चनों की काफी शिकायतें मिल रही हैं. फसल कर्ज के लिए बैंक में आने वाले प्रत्येक किसानों के कर्ज प्रकरण के संदर्भ में आवश्यक संपूर्ण जानकारी देने की जवाबदारी बैंक के शाखा व्यवस्थापक की है. सरकार द्वारा कर्जमाफी देने के बाद कर्ज का बोझ कम होने के चलते उस किसान को नया कर्ज देने में किसी तरह की अड़चन न आए, इसका ध्यान रखने का निर्देश भी उन्होंने दिया.
केवल 24 फीसदी वितरण
सरकार ने 30 जून तक सभी बैंकों को कर्ज का दिया गया टारगेट 100 फीसदी पूरा करने का निर्देश दिया था लेकिन हालत यह है कि महीना खत्म होने को है और जिले में केवल 24 फीसदी पात्र किसानों को ही फसल कर्ज का वितरण किया गया है. पालकमंत्री ने तहसील स्तर पर उपविभागीय राजस्व अधिकारी व तहसीलदार को सभी पात्र किसानों के सहजता से कर्ज वितरण करने के लिए समीक्षा करने का निर्देश दिया. जिले में 1066 करोड़ रुपये कर्ज वितरण का टारगेट है लेकिन अब तक महज 24 फीसदी यानी 243 करोड़ का ही कर्ज दिया जा सका है. इसमें एनडीसीसी के माध्यम से 28 करोड़ रुपये दिया गया है. 30 करोड़ रुपये राज्य सरकार से और उपलब्ध होने वाला है.
सरकार करेगी कार्रवाई
पालकमंत्री ने कहा कि बैंकों से कर्ज वितरण में सहयोग नहीं मिल रहा है जिसमें एसबीआई, यूनियन बैंक, आईसीआईसीआई व पंजाब नेशनल बैंकों ने तो अत्यल्प कर्ज वितरण किया है. सहकार विभाग के प्रधान सचिव इन बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठकर समीक्षा करेंगे. कर्ज नहीं देने वाले इन बैंकों के संदर्भ में राज्य सरकार ने गंभीर दखल ली है और टारगेट पूरा नहीं करने वाले बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बैंक प्रतिनिधियों से कहा कि वे टारगेट पूरा करने के लिए नियोजन करें. जिले के आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, पीएनबी, यूनियन बैंक आदि जिनके कर्ज वितरण के कार्य समाधानकारक नहीं हैं, उनके शासकीय खाते बंद करने का निर्देश पालकमंत्री ने दिया है.