Published On : Sat, Dec 9th, 2017

जेंडर इक्वैलिटी ऑर्गनायजेशन का राज्यस्तरीय अधिवेशन आयोजित

Gender Equality Organisation held
नागपुर: देश में महिलाओं के अधिकारों के लिए अनेक कानून, मंत्रालय और निजी एनजीओ कार्यरत हैं. लेकिन पुरुषों के अधिकारों के लिए देश में केवल 40 एनजीओ ही काम कर रहे हैं. यह संबोधन शनिवार को जीवो (जेंडर इक्वैलिटी ऑर्गनायजेशन) के अध्यक्ष रमन बघेल ने किया. पुरुषों की समस्या से संबंधित नागपुर में राज्यस्तरीय अधिवेशन का आयोजन सीताबर्डी के एक निजी होटल में किया गया था. जिसमें बड़ी तादाद में पत्नी पीड़ित पुरुष इकठ्ठा हुए थे.

इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में क्राइम पेट्रोल और सावधान इंडिया के कलाकार विपुल देशपांडे, वास्तव फाउंडेशन मुंबई के उपाध्यक्ष चेतन एस, औरंगाबाद के पत्नी पीड़ित पुरुष आश्रम संगठन के अध्यक्ष भरत फुलरे मौजूद थे. इस दौरान वास्तव फाउंडेशन मुंबई के उपाध्यक्ष चेतन एस ने अधिवेशन में आनेवाले लोगों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि हमें सेल्फलेस तरीके से इस पुरुष पीड़ित संगठन से जुड़ना है. तहसील हो या फिर जिला सभी जगहों पर हमें सेल्फलेस लोगो की जरुरत है. इस सभा में कलाकार विपुल देशपांडे ने एसआईएफ वेबसाइट का विमोचन भी किया.

औरंगाबाद के पत्नी पीड़ित पुरुष आश्रम संगठन के अध्यक्ष भरत फुलरे ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि देश में महिला सबलीकरण के कारण पुरुषों पर अत्याचार हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि जब भी पत्निओं की ओर से पुरुषों के खिलाफ पुलिस रिपोर्ट की जाती है तो महिलाएं बेझिझक जो मन में आए वह रिपोर्ट में लिखवा देती हैं. लेकिन इस मामले में पुरुष शर्माता है. और यह शर्म ही पुरुष की कमजोरी है. जिस तरीके से पत्नियां आगे आकर कानून का सहारा लेती हैं उसी तरह से पुरुष भी बिना शर्माए आगे आएं. उन्होंने बताया कि पत्नियों की रिपोर्ट के मामले में सबसे पहले लिंगभेद की शुरुआत पुलिस स्टेशन से होती है और बाद में वह न्यायपालिका तक जाती है. उन्होंने अपने अनुभवों के बारे में बताया कि उनके पत्नी ने उन पर करीब 147 एफआईआर दर्ज करवाई थी. 100 एफआईआर तक वे डरे उसके बाद उन्होंने डरना ही छोड़ दिया और पत्नी पीड़ित पुरुषों के लिए आश्रम बनाने की ठानी.

Gold Rate
18 Aug 2025
Gold 24 KT ₹ 1,00,100 /-
Gold 22 KT ₹ 93,100 /-
Silver/Kg ₹ 1,15,400/-
Platinum ₹ 48,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

जेंडर इक्वैलिटी ऑर्गनायझेशन के अध्यक्ष रमन बघेल ने भी इस दौरान कहा कि जीवो (जेंडर इक्वैलिटी ऑर्गनायझेशन) एक रेजिस्टर्ड संस्था है. जो पुरुषों के अधिकारों के लिए लड़ रही है. उनकी संस्था ने अब तक कई परिवारों को बचाया है. उन्होंने कहा कि पहली बार नागपुर में राज्यस्तरीय सभा का आयोजन किया गया है. हम पुरुषप्रधान देश में जी रहे हैं. लेकिन पुरुषों के लिए कोई मंत्रालय नहीं है. महिला आयोग का बजट भी करोड़ों में है. बघेल ने बताया कि उनका संगठन महिलाओं के खिलाफ नहीं है लेकिन महिलाओं द्वारा अत्याचार के लिए पुरुषों के पास कोई भी अधिकार नहीं है. उन्होंने बताया कि 4 लाख से ज्यादा झूठी शिकायतें हर साल पत्नियों की ओर से दी जाती है. लेकिन शिकायत गलत होने पर उस पत्नी पर कोई कार्रवाई नहीं होती. बघेल ने मांग कि है कि पति और पत्नी दोनों को बराबरी की सजा की गुंजाइश हो इस तरह का विधेयक लाया जाए, 498 कानून रद्द किया जाए, और पुरुष आयोग बनाया जाए, उन्होंने कहा कि हर वर्ष 90 हजार पुरुष आत्महत्याएं करते हैं.

इस दौरान कलाकार विपुल देशपांडे ने संस्था के बारे में बताया कि यह संस्था काफी आगे जाएगी. उन्होंने अपने एक परिचित का उदाहरण देते हुए बताया कि 2 महीने साथ में लिव इन रिलेशनशिप में रहने के बाद उस लड़की ने पीड़ित पर रेप का आरोप लगाया. यह समझने की बात है कि जब दो महीने वह लड़की उसके साथ रही तो रेप का मामला किस तरह से लगाया गया, यह बहुत ही अजीब बात है.

Advertisement
Advertisement