Published On : Thu, Feb 25th, 2021

स्थाई समिति में तबादले के लिए रहा छटपटा

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– विवादास्पद मनपायुक्त तुकाराम मुंढे ने भेजा था धंतोली ज़ोन

नागपुर : पिछले एक दशक से ज्यादा समय से स्थाई समिति के कामकाजों का संचलन करने वाले एक अदना सा TA जो बतौर OSD को पिछले मनपायुक्त तुकाराम मुंढे ने धंतोली जोन में बतौर JE तबदला कर दिया था,तब से पुनः स्थाई समिति में लौटने के लिए उक्त TA उर्फ़ JE छटपटा रहा,दर-दर चक्कर मार रहा,नहीं सफलता मिली तो विभिन्न प्रकार के LEAVE लेकर घर बैठ जा रहा.

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यह भी कड़वा सत्य हैं कि मनपा में वर्षों से ‘अर्थ संकल्प अधिकारी पद’ रिक्त हैं,इस पद के कामों को पिछले वर्ष तक सक्षम LDC के मार्फ़त निकाला गया.तो दूसरी ओर स्थाई समिति द्वारा पेश किये जाने वाला वार्षिक बजट पिछले एक-डेढ़ दशक से उक्त TA उर्फ़ JE तैयार कर रहा था.अर्थात कुछ स्थाई समिति सभापति को छोड़ दिया जाए तो शेष सभापति इसी ‘उर्फ़’ के इशारे पर चल रहे थे,सभापति से कोई काम करवाना हो तो मनपायुक्त छोड़ शेष अधिकारी/पदाधिकारी वर्ग भी इसी ‘उर्फ़’ के भरोसे रहते थे,नतीजा यह ‘उर्फ़’ की मनपा में तूती बोला करती थी.यहाँ तक की किसी को सलाह-मशविरा करना हो तो उन्हें इनके मेज तक आना पड़ता था,फिर कोई भी हो इस ‘उर्फ़’ के सामने उनको ऐसी फटकार भी सहन करनी पड़ती थी.
यह भी उतना ही सत्य हैं कि इस ‘उर्फ़’ को मनपा एक्ट का गहन अध्ययन था,इतना अध्ययन न निगम सचिव को कभी था और न ही अन्य किसी को.इसलिए पदाधिकारी भी इनके मुरीद थे.

पिछले साल जनवरी 2020 के अंत तक लगभग एक दशक तक इनकी तूती खुल कर बोली जब मनपा में विवादास्पद मनपायुक्त तुकाराम मुंढे ने कदम रखा तो उन्होंने तय निर्देश के तहत मनपा में सत्ताधारियों को नियम की आड़ और कोरोना के लिए मिली अधिकार की आड़ सत्ताधारियों को आड़े हाथों लिया।ऐसे में सत्ताधारियों ने मुंढे को आड़े हाथों लेने के लिए ‘उर्फ़’ के ज्ञान/अध्ययन का सहारा लिए,इस चक्कर में मुंढे की राज्य भर में काफी फज्जीयत भी हुई.इससे तमतमाए मुंढे के तब के मुखबिरों (प्रमोद/मनीष/महेश/हरीश आदि ) के सलाह पर ‘उर्फ़’ को टार्गेट कर उन्हें अपने कक्ष में आमंत्रित कर जमकर फटकार लगाई,पसीना-पसीना हो गए थे,फिर तुरंत धंतोली ज़ोन में बतौर JE उनका तबदला कर दिया गया.तब से अब तक जब इच्छा हुई,छुट्टी पर चले जाते हैं.

मुंढे के जाने बाद पुनः स्थाई समिति लौटने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे,लेकिन कोई उन्हें तरजीह नहीं दे रहा.वर्तमान स्थाई समिति सभापति ने बजट तैयार करने के लिए उनका उपयोग किया,लेकिन इस ‘उर्फ़’ का कोई भला नहीं किया।

उधर इस माह के 15 फरवरी तक मनपायुक्त को ‘रिवाइज बजट और प्रपोज़ड बजट’ पेश करना था,उसके लिए देरी इसलिए हो रही क्यूंकि आयुक्त का बजट तैयार करने वाला ‘HAND’ आज कोई नहीं हैं और न ही ‘अर्थ संकल्प अधिकारी’ की नियुक्ति की गई.नतीजा CAFO को बजट बनाने में मशक्कत करनी पड़ रही.इस वजह से देरी भी हो रही.

क्यूंकि स्थाई समिति को नया सभापति मिल चूका हैं,लेकिन उन्हें ‘उर्फ़’ जैसा OSD नहीं मिला।इस ‘उर्फ़’ की आज भी स्थाई समिति में दोबारा लौटने का प्रयास जारी हैं,इसी बीच कल वे यह कह कर पुनः छुट्टी पर चले गए कि जब से 7 वां वेतन आयोग के अनुसार वेतन लागु हो गया,तब से काम करने की इच्छा मर गई ,यह भी कहा कि अभी नए स्थाई समिति का बजट तैयार करने में समय हैं,इसलिए छुट्टी पर जा रहा.

अर्थ संकल्प अधिकारी का पद हैं, लेकिन काफी वर्षो से यह पद रिक्त हैं।इस पद की रिक्तता में LDC बजट बना रहे थे,एक सेवानिवृत हो गए तो दूसरा VRS ले लिया।इस बार रिवाइज बजट CAFO बना रहे। 15 फरवरी तक बजट देना था। स्थाई समिति सभापति का बजट बनाने वाले करकासे मेडिकल लीव पर यह कहते हुए चले गए कि अभी बजट बनाने को समय हैं।

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