नागपुर: नागपुर को स्मार्ट सिटी में समावेश करने के बाद शहर में विकास कार्य की दृष्टि से विभिन्न प्रकल्प शुरू किये गए। कुछ वर्षों पूर्व करोड़ों रूपए खर्च कर राहगीरों के लिए फुटपाथ निर्माण किये गए। अब पिछले कुछ दिनों से इन फुटपाथों पर स्थाई कब्ज़ा फेरीवाले, भाजीवाले व छोटे विक्रेताओं को देने का काम मनपा प्रशासन कर रहा है।
मनपा अतिक्रमण उन्मूलन विभाग द्वारा पिछले कुछ दिनों से अतिक्रमण कार्रवाई धड़ल्ले से शुरू है। लेकिन महल, गांधीबाग जैसे इलाकों से फुटपाथ खाली करवाने में मनपा प्रशासन असफल रही। इनकी कार्रवाई वहां सफल हो रही जहाँ सफेदपोश का हस्तक्षेप नहीं है।
एकतरफ मनपा अतिक्रमण विभाग फुटपाथ खाली करवा रही है तो दूसरे ही पल अतिक्रमणकारी पुनः हटाये गए जगह पर काबिज हो जाते हैं। नागपुर शहर के 200 फुटपाथों पर अतिक्रमणकारियों का कब्ज़ा है, खासकर बाजार इलाके के। शंकर नगर, महाराजबाग, सक्करदारा, गोपालनगर, महल, इतवारी, गोकुलपेठ, वेस्ट हाई कोर्ट रोड के फुटपाथ पर अवैध कब्जा है। सिविल लाइंस और उत्तर अंबाझरी मार्ग के फुटपाथों पर पौधे बेचने वालों का कब्ज़ा है। सक्करदारा, नंदनवन, वर्धमान नगर के फुटपाथों पर बड़े दुकानदारों का कब्ज़ा है। इन इलाकों में रात होते ही खाने-पीने की चीजें बेचने वालों का कब्ज़ा हो जाता है। यहाँ अतिक्रमण करने वालों पर मनपा प्रशासन कभी कार्रवाई करती देखी नहीं गई। शहर के वैध-अवैध बस स्थानों, ऑटो स्टैंड के आसपास फुटपाथ दिखते ही नहीं। इन मार्गों पर सिर्फ वीआइपी लोगों के आवागमन के समय ही वाहन हटाकर मार्ग और फुटपाथ कुछ समय के लिए मुक्त कराया जाता है। जैसे ही वीआइपी लोग लौट जाते हैं, तुरंत ही अवैध दुकानदार पुनः कब्ज़ा कर लेते हैं। शहर में अतिक्रमण यातायात पुलिस, मनपा अतिक्रमण विभाग की मदद के बिना कैसे पनप रहा है।
