Published On : Tue, Aug 15th, 2017

नागपुर के सौम्यजीत ने सहेज कर रखे हैं नेताजी सुभाषचंद्र बोस के पत्र

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नागपुर:
नेताजी सुभाषचंद्र बोस के निधन को लेकर कई बातें सामने आती हैं. नेताजी की मौत किस तरह से हुई और किस तरह से उनका अंतिम सफर रहा. कईयों बार दस्तावेजों का उल्लेख भी सरकार कर चुकी है. लेकिन हमारे नागपुर शहर में एक ऐसा परिवार मौजूद है. जिनके पास नेताजी सुभाषचंद्र बोस के लिखित पत्र मौजूद हैं. यह पत्र नेताजी ने अपने सहयोगी स्वर्गीय अतुलचंद्र कुमार के नाम लिखे थे. इस समय इन पत्रों को सहेजकर रखने का काम अतुलचंद्र के नाती सौम्यजीत ठाकुर कर रहे हैं. सौम्यजीत ने सभी पत्र अपने पास सुरक्षित तरीके सहेजकर रखे हैं. इसमें से एक पत्र तब का है जब नेताजी अंग्रेजो की नजरकैद में थे. पत्र को अत्यंत संयत शब्दों में लिखा गया है. जिसमे नेताजी ने जरूरी और कुछ चुनिंदा शब्दों का ही प्रयोग किया है. इस पत्र में कुछ महत्वपूर्ण बातें लिखी गई हैं. यह पत्र नेताजी ने अपने गुप्तचर फणि मजूमदार बांग्लादेश के निर्माण के बाद स्थानीय राजनीति से जुड़ गए थे. उनके माध्यम से ये पत्र पहुंचाए गए थे.

अतुलकुमार की भतीजी रीता ठाकुर ने यह पत्र अपने पास संभालकर रखे हैं. रीता ठाकुर सौम्यजीत ठाकुर की माताजी है. इन पत्रों को रीता ठाकुर ने शादी से पूर्व संभालकर रखा था. उनका विवाह प्रभातकुमार ठाकुर से हुआ था. प्रभातकुमार नौकरी के सिलसिले में लगभग 20 साल पहले 1987 में महाराष्ट्र में आए और उसके बाद अपनी पत्नी रीता ठाकुर के साथ 1998 से नागपुर में रह रहे हैं. मौजूदा समय में वे धंतोली में रह रहे हैं.

इस दौरान सौम्यजीत ठाकुर ने बताया कि उनके नानाजी अतुलचंद्र भी नजरकैद थे. नेताजी को दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान अंग्रेजों ने नजरकैद कर लिया था. उसी समय 1930 से 36 के दौरान उनके नानाजी अतुलचंद्र कुमार को भी अंग्रेजो ने नजरकैद कर रखा था. कुछ दिनों बाद जनभावना को ध्यान में रखकर उन्हें छोड़ दिया गया और बाद में उन्हें नजरकैद की सजा सुनाई गई थी. उन्हें 1936 में रिहा किया गया था. जिसके बाद वे चीन के वैद्यकीय अभियान में शामिल हुए थे.

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सौम्यजीत का कहना है कि सुभाषचंद्र की मौत प्लेन क्रैश में हुई थी. यह बात नानाजी अतुलकुमार ने कभी भी नहीं माना. सौम्यजीत ने बताया कि नेताजी के साथ नानाजी के काफी अच्छे सम्बन्ध थे स्वतंत्रता की लड़ाई में उनके नानाजी का भी योगदान है. अपने नानाजी की ही तरह सौम्यजीत भी समाज सुधार का कार्य करना चाहते हैं.

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