झल्लाए सत्तापक्ष नेता जोशी ने प्रशासन की दी चेतावनी
नागपुर: हमें समझ में नहीं आ रहा कि मनपा की विशेष सभा में चल क्या रहा हैं.प्रशासन गंभीर रहने के बजाय चक्कलस कर रहा हैं.आमसभा हो या विशेष सभा,इसलिए लिए तय किये गए विषयों को लेकर पहले चर्चा,बैठकें होती हैं,इसके बावजूद विषयों से सम्बंधित सवालों पर अधिकारी वर्ग एक-दूसरे का चेहरा देख मूक प्रदर्शन करते रहते हैं.उक्त रवैय्या कब तक बर्दास्त की जाएंगी।अधिकारियों को कामकाज में अड़चन आ रही तो वे नौकरी छोड़ दें.उक्त विचार तमतमाए सत्तापक्ष नेता संदीप जोशी ने व्यक्त की.
जोशी ने आगे कहा कि प्रशासन सह आयुक्त को चेतावनी दी कि उक्त प्रकार का व्यवहार अब बर्दास्त नहीं किया जाएगा।
पीपीपी अंतर्गत गोरेवाड़ा प्राणी संग्रहालय प्रकल्प के लिए महाराष्ट्र वन विकास महामंडल(एफडीसीएम) को मनपा की जगह (२५ हेक्टर) हस्तांतरित के प्रस्ताव पर भाजपा के वरिष्ठ नगरसेवक जगदीश ग्वालवंशी ने सवाल किया था कि ‘कैटल फील्ड डेवलपमेंट’ के लिए आरक्षित जगह को आरक्षण से महरूम कर एफडीसीएम को दिया जा रहा.जिसके बदले में ग्रामीण की जमीन मनपा को राज्य सरकार ने दी,जिस जगह पर गौ पालन के लिए व्यवस्था करने का वादा किया गया था.क्या उस जगह पर गौ पालकों के लिए व्यवस्था/सुविधा मुहैय्या करवाई गई.
पूर्व में गोरेवाड़ा-अम्बाझरी कैचमेंट का उपयोग सम्बंधित किया गया करार का वाचन किया जाये।
तथाकथित कांग्रेस नगरसेवक मनोज सांगोळे ने नंदग्राम योजना की घोषणा और साकारने में दिरंगाई पर सवाल खड़ा किया।
भाजपा के वरिष्ठ नगरसेवक दयाशंकर तिवारी ने प्रशासन से पूछा कि क्या प्रशासन ने अवैध गौ पालकों के खिलाफ न्यायालय में प्रतिज्ञापत्र दायर की हैं.
उक्त सवालों पर प्रशासन के सम्बंधित अधिकारी एक-दूसरे का चेहरा देख मूक प्रदर्शन करने लगे,कहने लगे सम्बंधित अधिकारी अनुपस्थित हैं.अतिरिक्त आयुक्त रविंद्र ठाकरे निशब्द हो गए तो आयुक्त किन्हीं कारणों से सभागृह के बाहर थे.
इसके पूर्व मौजा बाबुलखेड़ा,बैनर्जी लेआउट की भगवान नगर मराठी प्राथमिक शाला परिसर की व्यवयाम शाला और लाइब्रेरी की इमारत पात्र मेमोरियल सोसाइटी की सैक्रेड स्कूल की शैक्षणिक उपयोगिता के लिए मासिक किराये पर देने के प्रस्ताव संबंधी कांग्रेस के वरिष्ठ नगरसेवक संदीप सहारे ने विषय सम्बंधित ज्वलंत सवाल उठाये।एक तरफ मनपा का कर प्रत्येक वर्ष बढ़ते क्रम में नज़र आता तो दूसरी ओर उक्त इमारतों का किराया घटते क्रम में कैसे आंकी जा रही.
इस सवाल पर भी सम्बंधित अधिकारी की चुप्पी,अनभिज्ञता प्रदर्शन की.
उक्त दोनों प्रकरणों से सत्तापक्ष नेता जोशी काफी झल्ला गए और आयुक्त सह प्रशासन को जमकर फटकार लगाई कि संभल जाओ,वर्ना घर बैठा दिए जाओंगे।
जोशी ने महापौर से मांग की कि उक्त दोनों विषयों को स्थगित किया जाये और प्रशासन को चेतावनी दी कि अगली सभा में पूर्ण अभ्यास के साथ विषय को पेश किया जाये।
उल्लेखनीय यह हैं कि उक्त हालातों पर सभागृह में उपस्थितों को पूर्व मनपा आयुक्त अश्विन मुद्गल की सहज याद आई,वे ऐसी सूरत में प्रशासन-अधिकारियों का बचाव सह सवालों का समाधानकारक जवाब देने के लिए अक्सर खुद सामने आ जाया करते थे.
नासुप्र के ले-आउटों को सँभालने सरकार से मांगे विशेष अनुदान
शहर में मनपा व नासुप्र सक्रिय हैं.दोनों विभागों का अपना अपना अधिकार क्षेत्र होने के कारण मनपा पर मुलभुत सुविधा देने का दबाव नियमित बना रहता हैं.जबकि नासुप्र अपने अधिकार क्षेत्रों से विकास निधि जनता से वसूलती लेकिन उन निधियों से विकास नहीं करने का आरोप आये-दिन लगता रहा.भाजपा सत्ता में आते ही नासुप्र को बर्खास्त करने का वादा किया था,जिसे देरी जरूर हुई लेकिन नासुप्र की गुंठेवारी के तहत मंजूर ले- आउटों का हस्तांतरित करने का विषय संबंधी मनपा की विशेष सभा में प्रस्ताव आया.जिसके लिए मनपा जलप्रदाय समिति सभापति पिंटू झलके ने मुख्यमंत्री और गडकरी का स्वागत किया। इस प्रस्ताव में त्रुटियों,मनपा को होने वाली नुकसान,नासुप्र को हुए फायदा पर प्रफुल्ल गुरधे पाटिल,अविनाश ठाकरे,बाल्या बोरकर,मनोज सांगोळे,प्रवीण दटके,किशोर कुमेरिया,मोहम्मद जमाल,कमलेश चौधरी आदि ने उठाये।
तो मनपा में स्थाई समिति सभापति व नासुप्र विश्वस्त विक्की कुकरेजा ने कहा कि गुंठेवारी के तहत शहर के बाहरी इलाकों की हालात उस क्षेत्र के नगरसेवक वर्ग से छुपी नहीं हैं.साथ ही मंजूर ले-आउटों का हस्तांतरित होना जरुरी हैं.इसके अलावा नासुप्र की ‘सेवन स्कीम’ भी मनपा को हस्तांतरित किया जाना चाहिए।इन हस्तांतरित क्षेत्रों में विकासकार्य करने के लिए कुकरेजा ने ५०० करोड़ का विशेष अनुदान की मांग की.पूर्व महापौर प्रवीण दटके ने सभागृह के बाहर औपचारिक चर्चा में १००० करोड़ के मांग का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजने की जानकारी दी.
सत्तापक्ष नेता संदीप जोशी ने अंत में जानकारी दी कि नासुप्र से हुई नुकसान के जिम्मेदार पिछली सरकार हैं,उन्होंने ५०-६० साल राज किया और उसकी भरपाई में ५ साल को नाकाफी बतला रहे.पहले चरण में ले- आउटों का हस्तांतरण बाद ‘सेवन स्कीम’ अंत में शेष संपत्ति को कब्जे में लेंगी।उक्त परिसर में विकासकार्य के लिए जल्द मनपा ‘गैप फंडिंग’ कास प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजेंगी।
महत्वाकांक्षी प्रकल्प के लिए नियम में बदलाव
ऑरेंज सिटी स्ट्रीट जिसे पहले लंदन स्ट्रीट के रूप में जाना जाता था.इस प्रकल्प की कई वर्ष से चर्चा हो रही थी,प्रत्येक बजट में भी राशि का प्रावधान किया जाता रहा.इस प्रकल्प को हाफिज कांट्रेक्टर ने तैयार किया,यह जगह जिला प्रशासन से मनपा ने ३ करोड़ में लिया था.जिस पर कम से कम ५०० करोड़ का मुनाफा होने वाला हैं.इस महत्वकांक्षी प्रकल्प के प्रस्ताव के खिलाफत करने वाले का विरोध दर्ज कर महापौर से सत्तापक्ष नेता जोशी ने मंजूरी प्रदान करने की मांग की,जिसे अविलंब महापौर ने मंजूरी प्रदान की.
महत्वपूर्ण मुद्दे
– मोबाइल टॉवर स्थापित करने हेतु नियमावली से खिलवाड़ के खिलाफ विपक्ष ने काफी तर्क-वितर्क दिए.कुछ ने कहा कि शहर में लगे अधिकांश मोबाइल टॉवर नियम के विरोध हैं.तो कुछ ने जानना चाहा कि नियम के विरुद्ध लगे टॉवर के खिलाफ कौन और कितने समयावधि में कार्रवाई की जाएंगी।इस मसले पर आयुक्त ने जानकारी दी कि इस मामले(कार्रवाई हेतु ) में पीडब्लूडी के नियमावली लागू होंगी।सत्तापक्ष नेता ने मामला आय से सम्बंधित हैं,इसलिए इस विषय को सूचना सह मंजूरी प्रदान की जाये,जिसके बाद मंजूरी दी गई.
– मौजा अजनी,देवनगर कोऑपरेटिव सोसाइटी में नामनिर्देशित खेल मैदान का रहवासी क्षेत्र हेतु आरक्षण में बदलाव का प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई.इस मामले की जानकारी देते हुए सत्तापक्ष नेता ने बताया कि वर्ष १९८० के पहले उक्त क्षेत्र का नासुप्र ने विकास किया था,तब ‘पीजी’ के नाम पर आरक्षित जगह पर १७-१८ लोगों ने तब घर बनाया था.इस जगह पर नियम ३७ की कार्रवाई हुई तो यह जगह ‘पीजी’ के आरक्षण से मुक्त हो जाएगा और इस जगह पर रहने वालों को राहत मिलेंगी।
– पाटनी ऑटोमोबाइल से गड्डीगोदाम चौक तक फ्लाईओवर निर्माण का रैम्प माउंट रोड चौक पर उतारने की योजना महामेट्रो ने बनाई हैं,इसी मार्ग से मेट्रो रेल की आवाजाही भी होंगी।इस रैम्प को माउंट होटल चौक की बजाय एलआईसी चौक पर उतारने की मांग स्थानीय रहवासियों,शिक्षण संस्था,चर्च आदि ने की.इस सन्दर्भ में कांग्रेस नगरसेवक किशोर जिचकर-प्रफूल गुरधे पाटिल के नेतृत्व में महापौर और सत्तापक्ष नेता से शिष्टमंडल ने मांग की.शिष्टमंडल ने इसके पूर्व नितिन गडकरी से भी मुलाकात कर चुके हैं.इस मसले पर सत्तापक्ष नेता जोशी ने जानकारी दी कि उक्त मामले को लेकर जल्द ही मेट्रो,शिष्टमंडल के प्रमुख,स्थानीय नगरसेवकों की संयुक्त बैठक लेकर लिए गए निर्णय सह तकनिकी रिपोर्ट सह इस विषय को अगली सभा में पेश करने का निर्णय लिया गया.