Published On : Sat, Oct 28th, 2017

एसएनडीएल कर्मियों पर हो सबूत नष्ट करने और ग्राहकों को फ़साने का मामला दर्ज

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SNDL nagpur
नागपुर: एसएनडीएल कंपनी की लिखित शिकायत मानेवाड़ा रोड के महालक्ष्मी नगर की तारा गुलाबराव राऊत ने शहर के जिल्हाधिकारी, पुलिस आयुक्त व महाराष्ट्र राज्य विघुत वितरण के अधीक्षक अभियंता से की है. ग्राहक तारा राऊत के अनुसार अक्टूबर की 15 तारीख को एसएनडीएल के 6 से 7 कर्मचारियों के साथ हुडकेश्वर पुलिस स्टेशन के 2 पुलिस कर्मी और और एक महिला पुलिस कर्मी की मौजूदगी में इलेक्ट्रिक पोल से उनके घर की बिजली आपूर्ति खंडित की और उसके बाद चालू मीटर कोर्ट के किसी भी आदेश के बिना चोरी करके पुलिस के आखों के सामने लेकर भाग खड़े हुए.

राऊत का आरोप है कि एसएनडीएल कंपनी ने 2014 से ओरिजिनल रीडिंग अनुसार बिल नहीं भेजा बल्कि अपने मन से बिल भेजने का कार्य किया है. इसकी लिखित शिकायत पीड़िता तारा राऊत ने करीब 10 बार शासकीय प्रशासकीय अधिकारियों को दी थी. साथ ही इसके नागपुर शहर सुधार समिति की ओर से भी एसएनडीएल के अधिकारियों को मनमाने तरीके से बिल भेजने की शिकायत की थी. बावजूद इसके किसी भी अधिकारी ने इसका कोई जवाब नहीं दिया. जबकि नियम के अनुसार 31 दिनों के भीतर शिकायत पर ध्यान देने का नियम है. तारा राऊत ने 2014 में 1800 रुपए का बिल भी भरा था. लेकिन उसका उल्लेख कंपनी ने कोई भी बिल नहीं किया.

एनएसडीएल कंपनी को लिखित शिकायत देने के बाद भी उन्होंने कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए. लेकिन कंपनी की ओर से 2015 से लेकर 2017 तक वकील के मार्फ़त करीब 10 नोटिस ग्राहक राऊत को भेजे. राऊत का आरोप है कि 15 अक्टूबर को एसएनडीएल के 6 से 7 कर्मियों ने पुलिस की मौजूदगी में पीड़िता ग्राहक के घर से मीटर निकाला और मीटर लेकर भाग गए. जबकि पुलिस वहीं पर मौजूद थी और कुछ नहीं किया. हालांकि इस पूरे मामले का वीडियो भी बनाया गया था. पीड़िता ने एसएनडीएल कम्पनी पर ग्राहकों को फ़साने, अवैध वसूली का प्रयत्न, सबूत नष्ट करने, विघुत मीटर की चोरी, पुलिस की ओर से गुंडों को संरक्षण इन सभी मुद्दों को लेकर सख्त कार्रवाई की मांग प्रशासन से की है.

इस बारे में नागपुर शहर सुधार समिति के अध्यक्ष प्रवीण राऊत का कहना है कि कई महीनों से ओरिजिनल मीटर रीडिंग के हिसाब से बिल नहीं भेजा जा रहा था. जिसके कारण उन्होंने कंपनी को कई बार शिकायत की थी, लेकिन फिर भी कंपनी ने कोई संज्ञान नहीं लिया. मीटर में गलत रीडिंग था, इसलिए पुलिस की मौजूदगी में एसएनडीएल के कर्मियों ने उस सबूत को नष्ट करने के लिए मीटर निकाला. मीटर निकालकर लेकर जाने का अधिकार एनएसडीएल को नहीं है, क्योंकि यह ग्राहकों की प्रॉपर्टी होती है. इसके लिए ग्राहक पैसे अदा करते हैं.

तो वहीं एसएनडीएल कंपनी के जनसम्पर्क अधिकारी दीपांशु खिरवटकर ने बताया कि 2 अप्रैल 2014 को राऊत ने आखरी बार बिजली का बिल भरा था. उसके बाद से इन्होने कोई भी बिजली बिल नहीं भरा है. इन्हें कंपनी की तरफ से कई बार नोटिस भेजे गए हैं, लेकिन इन्होने किसी भी नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया. इनका वर्तमान का बिल 60, 693 रुपए है. पुलिस ने भी मीटर निकालने के सम्बन्ध में हुडकेश्वर पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट लिखी है.