Published On : Mon, May 30th, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट शेयर सर्टिफिकेट गायब !

Advertisement

नागपुर– पूर्वी नागपुर में 1700 एकड़ में बन रहे स्मार्ट सिटी प्रकल्प की सुस्त गति को लेकर आलोचना हो रही है. तो दूसरी ओर स्मार्ट सिटी प्रकल्प से सम्बंधित दस्तावेज गायब होने का भी मामला इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। स्मार्ट सिटी प्रकल्प के शेयर सर्टिफिकेट दो साल पहले गायब हो गए थे और उन्हें किसने, कहां रखा ?

इस संबंध में गुणवत्तापूर्ण छानबीन न होने से स्मार्ट सिटी के संबंधित विभागों के अधिकारियों की गंभीरता पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
स्मार्ट सिटी परियोजना को भरतवाड़ा, पूनापुर, पारडी और पूर्वी नागपुर के भांडेवाड़ी के कुछ हिस्सों में कुल 1730 एकड़ क्षेत्र में लागू किया जा रहा है। 52 किमी लम्बी सड़कों का निर्माण किया जा रहा है,जिसमें 24 और 30 मीटर चौड़ी सड़कें शामिल हैं।
सड़क के दोनों ओर फुटपाथ, नालियां, सीवेज लाइन, जलमार्ग का जाल बिछाया जाएगा। इसमें हाउसिंग प्रोजेक्ट भी शामिल है। इस परियोजना पर अब तक 418 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

Gold Rate
07 May 2025
Gold 24 KT 97,500/-
Gold 22 KT 90,700/-
Silver/Kg 96,700/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

इस परियोजना के कार्य को उच्च स्तरीय बनाने के लिए एसपीवी कंपनी की स्थापना की गई और पारंपरिक नौकरशाही के स्थान पर ‘स्मार्ट’ अधिकारियों की नियुक्ति की गई। लेकिन इस कंपनी में मनपा के ही कई अधिकारी हैं। इसलिए काम की गति और गुणवत्ता में सुधार के बजाय इसमें गिरावट आ रही है।

स्मार्ट सिटी के तहत लगाए गए कियोस्क बेकार हो गए हैं और लाखों रुपये बर्बाद हो गए हैं। अब एक गंभीर मामला सामने आया है कि दस्तावेज भी गायब हैं।

कर्मचारी को प्रताड़ित करने का प्रयास
इस मामले में स्मार्ट सिटी से मनपा लौटे कर्मचारी को जान से मारने का प्रयास किया गया. हालांकि, सूत्र ने कहा कि कर्मचारी के पास इस बात का सबूत है कि शेयर सर्टिफिकेट संबंधित विभाग को सौंप दिया गया है।स्मार्ट सिटी का काम पूरा होने के बाद कंपनी इन कार्यों को मनपा को हस्तांतरित करेगी। तो भविष्य में कंपनी भी बंद हो जाएगी। ऐसे में अगर शेयरधारक दावा करते हैं तो कंपनी के अस्त-व्यस्त होने की आशंका रहती है।

15 लाख रुपये का सर्टिफिकेट गायब ?
जब स्मार्ट सिटी परियोजना शुरू की गई थी, तब परियोजना में निवेशकों के शेयर प्रमाण पत्र तत्कालीन आयुक्त के हस्ताक्षर से तैयार किए गए थे। किसी के पास 5 लाख रुपए और किसी के पास 2 लाख रुपए के सर्टिफिकेट थे। सूत्र ने कहा कि प्रमाण पत्र अब गायब है।सूत्र ने कहा कि कुल 12 से 15 लाख प्रमाण पत्र गायब हैं और कोई भी उन्हें खोजने के लिए पहल नहीं कर रहा है। इसलिए एसपीवी लगाने के बाद भी यह देखने में आ रहा है कि अधिकारी अभी भी मनपा की कार्यशैली अपनाये हुए है.

Advertisement
Advertisement