Published On : Sat, Jan 12th, 2019

झोपड़पट्टियों से कचरा संकलन कब शुरू होगा

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बढ़ते जा रही कर्मचारियों और साधनों की कमी नागपुर.

स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए शहर भर में स्वच्छता के नाम पर लीपापोती की जा रही है. वहीं शहर में मनपा, नासुप्र, नजूल व निजी भूखण्डों पर बसी झोपड़पट्टियों में यह अभियान कोसों दूर है. यही वजह है कि नागरिक कचरे को खुले भूखंडों या फिर नाले में ठिकाने लगाने पर मजबूर हैं.

एक तरफ राज्य सरकार झोपड़पट्टी रहवासियों को मालकी पट्टे दे रही है तो दूसरी ओर सफाई के इंतेजामें से वंचित रखकर अन्याय कर रही है. इन झोपड़पट्टियों में कचरे के डब्बे तक नहीं रखे जाते. इस बात का खुलाया महापौर और पालकमंत्री के दौरे व जनसंवाद के दौरान हुआ. इससे परेशानी और बढ़ते जा रही है.

उल्लेखनीय है कि शहर में कुल ४२४ झोपड़पट्टियां है. इनमें से अधिकृत २९३, अनाधिकृत १३७, नासुप्र की जगह पर ५२, मनपा की जगह पर १५, निजी जगह पर ८६, शासकीय जगह पर ७०. उक्त बस्तियों से रोज अंदाजन १२५-१५० टन कचरा निकलता है, जो आसपास के नालों और खुले जगह पर फेंकी दिया जाता है.